Dr_Bhãgyshree Saini

Crime

4.7  

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दरिंदगी

दरिंदगी

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सीधी सी बात है अपराधियों का बढ़ रहा अपराध है

हुआ पश्चाताप भारत माता को भी उस रात 

जब उसकी गोद में उसकी ही बेटी हुई

दरिंदगी का शिकार।


डराया गया धमकाया गया उस

सत्य को छुपाने को

परंतु हालातों ने उसके राज को बयां किया

शर्मसार है पूरा भारत आज भी 

क्योंकि उस रात उसको बचाने के लिए 

कोई कृष्णा ना आया।


वह रोई, चिल्लाई और गिड़गिड़ाई भी

पर उन दरिंदो को उसकी बात ना समझ आयी

ना जाने कितनी बार मर गई इंसानियत पाप के हाथों

लोगों ने इंसाफ के नाम पर मोमबत्तियां जलाई

पर किसी ने भी उन दरिंदों की देह ना जलाई।


एक रात मोमबत्तियां जलाकर शांत हो गई 

सरकार भी ओर उन दरिंदों ने

कितनों की जिंदगियां और तबाह की

लड़कियां तो छोड़ो अब तो बच्चियों को भी ना छोड़ा 

तुमने वो मासूम क्या जाने तुम्हारे

इंसान के वेष में छुपा जानवर रूप।


हद हो गई हैवानियत कि अब तो डर जाती है आजकल

मां उस समय जब बेटी को जन्म देती है क्योंकि हर शहर हर 

कस्बे में कहीं न कहीं दरिंदगी पल रही होती है

क्या समझाए वो मां अपनी बेटी को आत्मरक्षा करना 


कुछ सीखने से पहले ही तो दुनिया की नजरें उस

पर टिकी होती हैं 

कहां था भगवान श्री कृष्ण ने जब-जब अधर्म का फैलेगा

जब भी कोई स्त्री पर उंगली उठाएगा 

तब- तब महाभारत होगा 


कलयुग का खेल तो देखो साहब महाभारत तो 

दूर की बात

यहां कोई निर्दोष को इंसाफ भी ना दिला सका 

केवल मोमबत्तियां जला देने से इंसाफ मिलता साहब

केवल रैलियां निकालने से अपराध खत्म नहीं होंगे


बदलनी पढ़ेगी ये नीतियां, बदलना होगा कानून 

बदलनी होगी सोच, बदलना होगा तरीका 

तब होगी सुरक्षित भारत की बेटियां।


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