लेखक: मिखाइल बुल्गाकव अनुवाद.: आ..चारुमति रामदास लेखक: मिखाइल बुल्गाकव अनुवाद.: आ..चारुमति रामदास
अच्छा जी, और फोन पर जो "आई लव यू" कहकर भीषण प्रहार करती हो, उसका क्या" ? अच्छा जी, और फोन पर जो "आई लव यू" कहकर भीषण प्रहार करती हो, उसका क्या" ?
उस गुड़िया ने झट राखी उठाई और दोनों को बांध दी। देखो मैं आपकी बहन बन गई। उस गुड़िया ने झट राखी उठाई और दोनों को बांध दी। देखो मैं आपकी बहन बन गई।
"ऐ चांदनी, तू कुछ उल्टा सीधा मत सोच हां, हम किन्नर है, ऐसे अनाथ बच्चे पालना हमारा काम "ऐ चांदनी, तू कुछ उल्टा सीधा मत सोच हां, हम किन्नर है, ऐसे अनाथ बच्चे पालना हमा...
खोता बचपन, छिनती मासूमियत! आजकल के बच्चे तो अब बच्चे ही नहीं रहे खोता बचपन, छिनती मासूमियत! आजकल के बच्चे तो अब बच्चे ही नहीं रहे
चंदन घर में बिन कुछ बताया बहुत आगे बढ़ चुका था चंदन घर में बिन कुछ बताया बहुत आगे बढ़ चुका था