वैसे बोलेंगे, किसी का नहीं हैं जब मारो तो सब इकट्ठा हो जाते हैं वैसे बोलेंगे, किसी का नहीं हैं जब मारो तो सब इकट्ठा हो जाते हैं
मैं सर्दियों के लिए भोजन इकट्ठा कर रही हूँ। बहुत काम पड़ा है मैं सर्दियों के लिए भोजन इकट्ठा कर रही हूँ। बहुत काम पड़ा है
आज न जाने क्यूँ पीहू को मम्मी की डांट ज़्यादा अच्छी लगी बजाय ताऊ जी के साथ जाना आज न जाने क्यूँ पीहू को मम्मी की डांट ज़्यादा अच्छी लगी बजाय ताऊ जी के साथ जाना
अभी वो पुनीत को चिल्ला ही रही थी कि उसकी नजर राम और राघव के चेहरों पर पड़ी अभी वो पुनीत को चिल्ला ही रही थी कि उसकी नजर राम और राघव के चेहरों पर पड़ी
इस तरह के झगड़े में तमाशबीन हमारे स्कूल के लड़के लड़कियां थे इस तरह के झगड़े में तमाशबीन हमारे स्कूल के लड़के लड़कियां थे
छोटी छोटी सी बातों पर मस्ती से इतराना। छोटी छोटी सी बातों पर मस्ती से इतराना।