नवमी वाले दिन सुकन्या के चेहरे पर उदासी थी। नवमी वाले दिन सुकन्या के चेहरे पर उदासी थी।
तभी नायिका की चीख निकल उठती है बचाओ बचाओ। तभी नायिका की चीख निकल उठती है बचाओ बचाओ।
फिर यूं लगा जैसे सैंकड़ों फूल एकसाथ खिल गये हों। फिर यूं लगा जैसे सैंकड़ों फूल एकसाथ खिल गये हों।
लेकिन क्या समाज और बिरादरी हमें इसकी इज़ाज़त देंगे ? क्या वो हमारे रिश्ते को क़ुबूल करेंग लेकिन क्या समाज और बिरादरी हमें इसकी इज़ाज़त देंगे ? क्या वो हमारे रिश्ते को क़ुबूल...
आज चाची की आँखों में भी पश्चाताप के आँसू हैं। आज चाची की आँखों में भी पश्चाताप के आँसू हैं।
ख़ून और आँसू दोनों को ही आज तुम्हारी बहुत ज़रूरत होगी...! ख़ून और आँसू दोनों को ही आज तुम्हारी बहुत ज़रूरत होगी...!