दो रूहों का वो पहला एहसास
दो रूहों का वो पहला एहसास
हमारी वो अनोखी डेट
वो मोहब्बत पहली थी या वो मुश्क पहली थी, जाने ऐसी क्या कशिश थी उनमें, की दिल रात भर बेचैन था ? वहाँ वो शायद चैन की नींद सो रहे थे और हम यहाँ करवटें बदल - बदल कर रात भर चाँद से सुबह में ढलने को कह रहे थे, ज़हन मे ये ख़याल भी आ रहा था कि जनाब कहीं हम इश्क़ के अक्स से टकरा टकड़ा तो नहीं बैठे? वो पहली रात थी जब हमने चाँद के शीत को अनदेखा कर आफ़ताब की रौशनी का बेसब्री से इंतजार किया, रात भर अपने दिल से उनका इकरार करते रहे, अपने पहली मोहब्बत का सवाल करते रहे औऱ नादान-ए-दिल बिना जवाब दिए मेरे होठों पर मुस्कान बन कर बिखर जाता। वो रात अलग सी कयामत ढाए हमारे सिरहाने बैठी थी, वो पहली रात थी जब हम उनकी एक आवाज़ सुनने को बेचैन थे, उनको एक झलक देखने को हमारा दिल बेआबरू हो रहा था, जबकी सुबह में हीं हमारी मुलाकात उनसे शहर जाने के दरमियाँ हुई थी, वो शहर जाने से पहले हमसे मिलने आये थे, हमें ताज़्जुब इस बात की हो रही थी कि हमे आज तक ऐसा एहसास नहीं हुआ ? कभी हमने पहले कभी किसी को देख कर बेवज़ह मुस्कुराया नहीं। आखिर हमारे साथ ऐसा क्यूँ हो रहा है? हमें कुछ समझ नहीं आ रहा था। दिल मे रात भर सागर की धारा के तरह हमारे मन मे ये सवाल आ रहे रहे थे।
क्यूँ आज अचानक कचौरियाँ तलने वक़्त वो हमें याद आते रहे और हमने उन बेकसूर कचौरियों को जला दिया ? क्यूँ पढ़ते वक़्त हम पढ़ाई छोड़ उन्हें याद करके अपने पन्नों पर उनका नाम लिखने लगे ?क्यूँ हम उनकी बातों को याद कर मुस्कुरा जाते थे तो कभी उनके दूर होने से उदास हो जाया करते थे ? क्यों हम ये भूल गए की वो हमसे दूर इस शहर से बाहर अपने इम्तिहान के लिये गए हैं। क्यूँ हम एक रात भर के लिए खुद को सम्भाल न सके और उनकी आवाज़ सुनने के लिए उन्हें फ़ोन कर बैठे ? और फ़ोन पर उनकी आवाज़ सुनते ही हमारा दिल पल भर के लिए थम सा गया, जुबान खामोशी हो गयी।अचानक फिर हम उनसे ये पूछ बैठे, कि आपको भी हमारी याद आ रही है ? तब उन्होंने बहुत हीं मीठे स्वर में कहा कि याद तो आएगी हीं तुम मेरी पहली मोहब्बत जो हो, बहुत मुश्किल हो रहा है ये रात,इतने महीनों में पहली बार तुमसे दूर आया हूँ। पर मैं कल आते ही सबसे पहले तुमसे मिलूँगा इंतज़ार करना मेरा , और उन्होंने फ़ोन रख दिया, हम तो उस वक़्त से मानो ख़ामोश हीं हो गए बिस्तर की सिलवटों में लिपट कर उनकी बातों को याद कर मुस्कुराते रहे, चाँद की शीत के ढलने का सब्र हीं नहीं जुटा पा रहे थे हम उस रात ।
दिन भर क्लास में खामोश होकर सुबह से शाम होने का इंतज़ार करते रहे और पढ़ाई खत्म होते हीं हम उनके आने का इंतज़ार अपने दोस्त के घर जाकर करने लगे हमनें किसी को नहीं बताया कि हमारे मन मे क्या उथल-पुथल चल रही है, और शाम 4 बजे अचानक हमें उनका फ़ोन आया और उन्होंने हमसे कहा मैं बस से उतरने वाला हूँ, तुम पास वाले सड़क पर आ जाओ , हम दोनों यहाँ से दस कदम दूर वाले रेस्तरां चल रहे हैं, हमने उन्हें डर से इनकार कर दिया की हम नहीं आ सकते वहाँ, हमें कोई देख लेगा तो बहुत मुश्किल हो जाएगी । हमारा दिल बहुत धड़कने लगा हम घबरा से गये,जब हमारी दोस्त ने पूछा तो हमने उसे कहा कि हमें घर जाना चाहिये ,काफी देर हो चुकी है,और हम घर के लिए निकल गए । रास्ते हमें वापस से उनका फ़ोन आ गया और वो आने की जिद्द कर बैठे हमने उनसे झुठ कहा कि हम घर पहुँचने वाले हैं और जैसे हीं हमने कदम बढ़ाया की वो हमें हमारे सामने दिख गए, फिर हम उनका चेहरा देख उन्हें चाहते हुए भी मना नहीं कर पाए क्यूँकि उन्होंने हमसे हमारा 15min. ही माँगा। वो हम दोनों का पहला डेट था हमने आजतक डेट फिल्मों में ही देखा था, पर आज वो हमारी असल जिंदगी का खूबसूरत पल होने वाला था,हम उसे महसूस कर पा रहे थे,हम जीतनी धीमी गति से उस ओर कदम बढ़ा रहे थे,हमारा दिल उतने ही तेज़ से धड़क रहा था ,लोगो की नज़रों से बचने के लिए हम उनके पीछे-पीछे चल रहे थे, और वो हमारे आगे । वो दिल ही दिल मे खुश थे कि हमने उनको ये मौका दिया ।
हमारा ये डेट औरों के डेट से बिल्कुल अलग था,क्योंकि आमतौर पर लोग डेट के लिए नए अंदाज में आते हैं, नए कपड़े पहनते हैं और ना जाने क्या-क्या ? पर हमारा अफ़साना तो कुछ और हीं था,हमारे दिल में हज़ार सवालों के सैलाब फिर से उठ रहे थे कि ये कैसा डेट हैं हम दोनों का ? हमनें न तो कोई नया कपड़ा पहना हैं, ना हीं मेकअप किया है,यहाँ तक की हमने सुबह से आईने ने अपना चेहरा भी नहीं देखा है कि हम कैसे दिख रहे हैं,वो तो बाहर से आये थे तो वो काफी स्मार्ट दिख रहे थे ऊपर से नीचे एकदम हीरो की तरह औऱ हम मानो हीरोइन की बाजू वाली सीट पर बैठी कोई आम लड़की ....
आह ! वो शाम भी क्या खूब थी ?
जब हम दोनों वहाँ पहुँचे तो उन्होंने हमारे लिए एक चेयर निकाला और हमें बिठाया हमारी तो उस वक़्त की मुस्कान कुछ अलग हीं थी,मानो सारा डर उड़ कर मेरे होठों पर मुस्कान बन बैठ गया हो,और जब हमने उनकी ओर देखा तो उनके चेहरे पर भी एक अलग सी मुस्कुराहट थी जो हमने उस दिन से पहले कभी नहीं देखी थी।
उनके हँसते हुए चेहरे का दीदार कर हम खो से गये। उन्होंने धीमे स्वर में कहा मेरा ये सरप्राइज था ,पसन्द तो आया न ! हमने भी शर्मा कर अपना सिर हिला दिया ।क्यूँकि हम खुद को समझ गए थे की हम उनसे प्यार करते है,बस दिल की मंजूरी जाननी थी अब हमें ।
शाम ढलने वाली थी घर के लिए देर हो रहा था। इसलिये हमारे पास ज्यादा वक्त नहीं था, हम दोनों के ज़ुबान खामोश थे उस शाम हमें समझ नहीं आ रहा था कि क्या बात करें हम एक-दूसरे से। जब कुछ देर बीत गया तो उन्होंने उस रेस्तरां की तारीफ करनी शुरू कर दी। हम दोनों इन्हीं सब बातों में उलझे रहे फिर बेट्रेस खाने का आर्डर लेने आ गया।
आम डेट की तरह उन्होंने उस डेट पर ना तो कॉफी आर्डर किया ना हीं जूस ! हमसे पूछा उन्होंने तो हम बता नहीं पाए । तो उन्होंने हमारे लिए "अंडे के पकौड़े"मँगवाये क्योंकि हमे वो बहुत पसन्द था,और उनसे हमने ये बात कुछ महीने पहले हीं बताई थी। और खुद के लिए उन्होंने "चिकेन चिल्ली" का ऑर्डर दिया। जब बेट्रेस आर्डर लेकर आया तो उस पकौड़े को देख हमारी हँसी रुकी नहीं ,हम ये सोच कर हँस बैठे की डेट पर ये पकौड़े कौन मंगवाता है ?पर भीतर से हमें बहुत अच्छा लगा मुझे की उन्हें हमारी छोटी सी पसन्द का इतना ख्याल है । हमारे उस डेट पर हमनें अपना-अपना पसन्दीदा खाना खाया और एक दूसरे को देख मुस्कुरा दिया क्यूँकि वो सबसे अनोखी डेट थी । जहाँ न हमने कुछ प्यार वाली बातें की ना हीं एक दूसरे के पसन्द न पसन्द जानने की कोशिश कि ।फिर भी एक दूसरे से मन हीं मन प्यार का इज़हार कर बैठे।उसके बाद हम दोनों एक-दूसरे का हाथ पकड़ वहाँ से बेफिक्र निकल गए औऱ आधे सीढ़ी पर आते हीं उन्होंने अचानक हमें झट से अपने गले से लगाया और हमारे माथे को चूम लिया हम तो कुछ पल के लिए डर गए कि कहीं किसी ने देखा तो नहीं पर हम भी उनके गले से लगकर अपने दिल की बात गले लग कर कह दी ।
जहाँ डेट पर लोग एक-दूसरे को समझने और जानने जाते हैं, वहाँ हम दोनों बेमतलब की बातें करके और लज़ीज़ खाना खा कर आ गए ।
क्या खूब रहा हमारा पहला डेट......
असल मायने में उस डेट पर उन्होंने हमारे अंदर के डर को निकाल फेंक दिया जिस डर के कारण हमें घबराहट हो रही थी वहाँ जाने में,उनसे खुल के कर अपने दिल की बात करने में ,
वो सब डर हमारे अंदर से खत्म हो गया। हम दोनो एक दूसरे को ज्यादा तो नहीं जान पाए उस शाम ,पर इतना समझ आ गया की हम दोनों एक दूसरे के लिए हीं बने है,और हम तो उनके प्यार में पूरा पड़ गए ।हमारे दिल ने भी हमें जवाब दे दिया कि हम उनसे बेपनाह प्यार करते हैं। हम ! नहीं हम दोनों ही बहुत खुश थे । फिर वहाँ से वो हमें घर तक छोड़ने आये वो हम रास्ते भर ये सोच रहे थे कि हम अच्छे तो दिख रहे थे न ! पर उन्हें कोई फर्क ही नही पड़ा कि हम क्या पहनें हैं या हमने मेकअप किया है कि नहीं । और उस रात को उन्होंने हमें मैसेज किया कि आज शाम तुम ब्लू और पिंक ड्रेस में बहुत ख़ूबसूरत दिख रही थी फिर क्या था हमारी उस शाम की खुशी तो चार गुनी हो गयी थी। और ये डेट हमारे ज़िन्दगी का सबसे अनोखा और खूबसूरत डेट बन गया।
हमारी एक अनोखी डेट