दो जोड़ी कपड़े
दो जोड़ी कपड़े
विधि की विदाई हो रही थीं। चारों ओर नम आँखों से उसे विदाई दी जा रही थीं। उसके विदा होते ही शालिनी ने मेहमानों के लेनदेन की व्यवस्था देखनी शुरू की। उसने सबके लिये चांदी के बर्तन, मिठाई, शगुन के लिफाफे और सभी के लिए महंगे कपड़े निकाल कर रखे थे
विनोद अंदर आया तो उसने देखा कि शालिनी ने अपनी छोटी बहन के लिए एक मिठाई का डिब्बा और दो जोड़ी पुराने कपड़े निकाल कर रखे थे।
विनोद को आश्चर्य हुआ। उसने शालिनी से पूछा- “यह क्या है शालू? तुमने छोटी के लिए इस तरह के कपड़े क्यों निकाल कर रखे हैं और उनके बर्तन कहाँ हैं?
शालिनी ने रूखेपन से कहा- “देखिए, उन्होंने विधि की शादी में दो सौ एक रुपये दिये हैं और इस हिसाब से तो यह भी ज़्यादा ही है।
विनोद शालिनी को देखता रह गया। यह वही बहन थीं जिसने कभी अपनी छोटी बहन के लिए मार खाई थी।