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Vandana Bhatnagar

Drama

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Vandana Bhatnagar

Drama

बुरे काम का बुरा नतीजा

बुरे काम का बुरा नतीजा

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मीना की रवि से जब शादी हुई तो रवि एक मामूली सा एम.आर .था पर उन दोनों का गुज़ारा आराम से हो जाता था। एक दिन रवि की मुलाकात अपने बचपन के साथी अजय से हो गई। वो उसके ठाट बाट देखकर दंग था।


रवि ने उससे पूछ ही लिया “ऐसा कौन सा कारोबार कर रहे हो जो तुम्हारे दिन बिल्कुल ही पलट गये”


तो वह रवि से बोला “अगर तू चाहे तो तेरे भी दिन फिर सकते हैं”


रवि महत्वाकांक्षी तो बहुत था। वह भी चाहता था कि वह जल्दी से जल्दी अमीर हो जाए। अजय ने उसे बताया कि वह मानव अंगों की तस्करी करता है और उसमें बहुत मुनाफा है। तुम भी इस काम में मेरी मदद करके अमीर बन सकते हो।


रवि ने पूछा “मुझे इसके लिए क्या करना होगा”


तो वह बोला “बस तुम्हें भोले भाले गरीब लोगों को सस्ते इलाज का लालच देकर मेरे बताये डॉक्टर साहब के नर्सिंग होम पर लाना है”


रवि के लिए ये काम बहुत आसान था क्योंकि उसका अस्पतालों में जाना होता रहता था। अब रवि अस्पताल से गरीब लोगों को सस्ते इलाज के नाम पर बहलाकर अजय के बताये डॉक्टर के नर्सिंग होम पर ले जाने लगा, जहां पर उनका इलाज तो किया नहीं जाता था पर उनकी किडनी निकाल ली जाती थी। बस फिर कुछ दिनों में उन्हें फर्जी़ दवाई देकर डिस्चार्ज कर दिया जाता था। रवि के दिन फिरने लगे थे। वह अब आए दिन मीना को महंगे-महंगे उपहार देने लगा था पर अब उसके पास मीना के लिए टाइम नहीं था। मीना क‌ई बार रवि से पूछती भी थी कि तुम कहीं किसी गलत काम में तो नहीं लग जाए तो रवि भड़क जाया करता था। इसी तरह दिन गुज़रते जा रहे थे।


एक दिन रवि बड़ी हड़बड़ाहट में घर पर आया और मीना से जल्दी जल्दी सारा कीमती सामान एक बैग में भरने को कहा। मीना ने उससे कारण पूछा तो वो बोला “मुझे आज ही दूसरे शहर में ड्यूटी ज्वाइन करनी है। अभी इसी वक्त यह शहर छोड़ कर जाना है”


रवि मीना को दूसरे शहर ले गया और उसे हिदायत दी कि तुम्हें यहां किसी से भी मिलना जुलना नहीं है। रवि ने मीना का फोन भी ले लिया था। मीना को कुछ आशंका होने लगी पर रवि उसे प्यार से बहला देता था। नई जगह आए हुए उन्हें दो महीने से ज़्यादा हो गए थे।


एक दिन रवि के पास किसी का फोन आया। फोन पर बात करते हुए उसके चेहरे पर हवाइयां उड़ रही थी। तभी किसी ने दरवाजे पर दस्तक दी। मीना ने दरवाज़ा खोला तो सामने पुलिस को देख कर घबरा गई। पुलिस ने रवि को तुरंत दबोच लिया। मीना पुलिस वालों से पूछने लगी आप इन्हें हथकड़ी क्यों लगा रहे हैं? इनका क्या दोष है? तब पुलिस ने उसे बताया कि रवि मानव अंगों की तस्करी में लिप्त था। यह सुनकर मीना के पैरों तले ज़मीन खिसक गई। अब उसे महंगे-महंगे गिफ्ट का राज़ समझ में आया। पुलिस ने उसे बताया कि डॉक्टर की बहुत समय से शिकायत मिल रही थी। उसे तो काफी दिनों पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था। अब इनके पूरे रैकेट का पर्दाफाश हो गया है। अब वह नर्सिंग होम जो कभी मरीज़ों से भरा रहता था, वीरान पड़ा है।


मीना ने रवि को देखा तो वह नीची नज़रें करे खड़ा था। मीना सोचने लगी कि वह कैसे पापी आदमी के साथ रह रही थी। उसने उसी वक्त रवि से नाता तोड़ने का दृढ़ निश्चय कर लिया था। अब शायद रवि को सारी उम्र जेल में ही बितानी पड़े। सच में बुरे काम का अंत बुरा ही होता है। 


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