भ्रष्टाचार जिन्दाबाद
भ्रष्टाचार जिन्दाबाद
दोपहर का समय है सड़क के दोनों किनारों पर हरियाली है जिसके एक छोर पर एक साइकिल वाला साइकिल बना रहा है तभी उसी छोर से एक राहगीर सड़क पार कर रहा है
साइकिल वाला - एक चाचा कहां पार हो रहे हो देख रहे हो ना भरतपुर डिग्री कॉलेज के बच्चे जा रहे हैं
( राहगीर अपने में चलता जा रहा है)
साइकिल वाला - अरे ओ चाचा तनी थम जा जान नहीं रहे हो भरतपुर डिग्री कॉलेज के बच्चों को
राहगीर - मुझसे बेहतर कौन जानेगा
साइकिल वाला - काहे
राहगीर साइकिल वाले को सब बात सोच सोचकर बताने लगता है।
[ 2 साल पहले]
एक सुंदर सा स्कूल जिस पर सामने ही काले बोर्ड पर सफेद पेंट से भरतपुर डिग्री कॉलेज लिखा है जिसमें लगभग 600 बच्चे अध्ययन कर रहे हैं प्रबंधक रूम में प्रबंधक फाइल निपटा रहे हैं तभी दो व्यक्ति जो सफेद कमीज एवं सफेद पतलून और काला कोट पहने हुए हैं का प्रवेश होता है
प्रबंधक आलमारी से कुछ निकाल रहे होते हैं
राहुल - हेलो मैं राहुल और इनका नाम अमितेश है हमें इस स्कूल से शिकायत एक मिला है और जांच में शिकायत सही पाया गया अतः प्रबंधक के खिलाफ वारंट जारी हो गया है आप उनको बुलाइए ( प्रबंधक को वे पहचान नहीं पाते)
प्रबंधक - ठीक है आप बैठिये मै उनको बुला कर लाता हूँ।
प्रबंधक - क्या करूं क्या करूं( मन में)
तभी एक लड़का आता हुआ दिखाई दिया
प्रबंधक - हां इस लड़के को मैं प्रबंधक बना देता हूं ये चला जाएगा जेल और मैं बच जाऊंगा।
(अपनी पीठ थपथपाते हुए) वाह चौधरी क्या भेजा पाया है तुमने?
प्रबंधक - हाँ सुनो।
राकेश - कौन में ?
प्रबंधक - हाँ तुम ,इधर आओ।
राकेश - बोलिये सर।
प्रबंधक - क्या तुम कॉलेज के प्रबंधक का कार्यभार संभालोगे?
राकेश - मैं!
प्रबंधक - हां क्यों? तुम सबको शिकायत रहती है ना कि प्रबंधक जी कुछ नहीं करते केवल तुम सबको लुटतें हैं।
राकेश - हां लेकिन।
प्रबंधक - तुम इस जगह पर बैठ कर देखो हम कितना काम करते हैं?
राकेश - पर सर।
प्रबंधक - क्या हुआ डर गए?
राकेश - नहीं सर हम डरने वाले नहीं।
प्रबंधक - तो फिर तैयार हो।
राकेश - जरूर कोई बात है।( मन में सोचता है।)
राकेश - कितने दिनों के लिए।
प्रबंधक - 1 महीनों के लिए।
राकेश - तब मुझे प्रबंधक नहीं बनना।
प्रबंधक - तब फिर क्या चाहते हो।
राकेश - 20 वर्ष के लिए।
प्रबंधक (चौक कर) 20 साल के लिए।
राकेश - हा एक महीना रहना भी क्या रहना।
प्रबंधक चलो 5 साल के लिए।
राकेश - 20 साल तो 20 साल।
प्रबंधक - (मन में) क्या करूं- क्या करू अच्छा चलो बना देता हूं जब यह जेल चला जाएगा तभी स्कूल बेच दूंगा ,कहां ये आयेगा देखने के लिए।
प्रबंधक - ठीक है ,चलो दिया।
राकेश - तो ठीक है पहले आप पेपर साइन करके दें तभी मैं मानूंगा।
प्रबंधक - तो ठीक है आज से कॉलेज तुम्हारा इधर आओ प्रिंसिपल रूम में।
प्रबंधक - (कागज साइन करते हैं।) यह लो मैने साइन कर दिया आज से कॉलेज तुम्हारा।
( राकेश साइन करता है और प्रबंधक के पैर छूता है।)
प्रबंधक - ठीक है ठीक है कोई बात नहीं जाओ तुमसे कोई मिलने आया है। (लड़का जाता है।)
राकेश - हैलो मेरा नाम राकेश है।
अमितेश - आप प्रबंधक है।
राकेश - हाँ आप कौन।
राहूल - हम डायट से आए हैं आपके स्कूल से शिकायत मिली थी उसी की जांच करने आये थे और जांच में शिकारयत सही पाया गया है।
अमितेश - आप के खिलाफ वारंट जारी हुआ है आपको हमारे साथ चलना है।
राकेश - अरे सर पहले बैठिए अभी अभी तो आए हैं बोलिए क्या मंगाऊं आपके लिए चाय या ठंडा।
राहुल - नहीं हमें कुछ नहीं चाहिए आप हमारा समय मत बर्बाद करिए चलिए हमारे साथ।
राकेश - मेरे ख्याल से आप को यह पसंद आएगा।
(अपने जेब से दो हजार के दो नोट निकाल कर देता है।)
अमितेश - पर
राकेश - अरे सर यह तो अभी पेसगी है ।अभी तो हमें आपकी बहुत सेवा करनी है।
(दोनों आपस में बात करते हैं।)
राकेश - क्या हुआ और कुछ आपके लिए मंगाऊं।
अमितेश - नहीं नहीं ठीक है।
राहुल - ठीक है हम चल रहे हैं देखिएगा फिर शिकायत नहीं आए।
राकेश - पर वह शिकायत।
राहुल - कौन सी शिकायत।
वे सब मुस्कुराने लगते हैं और चले जाते हैं।
प्रबंधक - जाओ अब तुम।( अपनी टाई ठीक करते हुए।)
राकेश - कौन जाओ ? पहले आप ऑफिस से बाहर जाइए।
प्रबंधक - देखो यह तुम ठीक नहीं कर रहे हो।
राकेश - गार्ड गार्ड (गार्ड आते हैं।)
राकेश - इन्हें गेट के बाहर करके आओ।
गार्ड - साहब आप, तुम पहले बाहर जाओ। (राकेश को पकड़ते है।)
राकेश - अब तुम्हारा बास मैं हूँ यह देखो (कागज दिखाता है।) अब इसे बाहर निकाल के आओ नहीं तो बोलो मै तुम्हें नौकरी से निकाल देता हूँ।
(गार्ड प्रबंधक को बाहर निकालते हैं।)
प्रबंधक - तुम्हे ठीक नहीं कर रहे हो जान लो तुम जानते नहीं हो मैं कौन हूं।
गार्ड प्रबंधक को बाहर निकालकर कॉलेज के गेट बंद कर देते हैं ।राकेश प्रबंधक का स्कूल चलाने लगता है ।तब तक प्रबंधक को होश आता है।