STORYMIRROR

Rohit Tiwari

Abstract

3  

Rohit Tiwari

Abstract

बेजुबान

बेजुबान

3 mins
5

यह बात है 2015 की। उतने समय लेखक की उम्र लगभग 8 वर्ष थी। मेरा भाई गाय चराने जाता था अगर घर पर कोई काम हो तो भाई घर आ जाता मैं गाय चराने चला जाता था। एक दिन मैं अपनी माता जी के साथ बैठा था तभी मैं दूर से ही देखा कि भाई किसी जानवर को गोद में लेकर आ रहा था मैं मन ही मन खुश हुआ क्योंकि घर में कोई छोटा बच्चा भी नहीं था क्योंकि घर पर सबसे छोटा मैं ही था भाई घर के पास आकर उसे जानवर को नीचे उतार देता है । वह जानवर भाई के पीछे-पीछे चल रहा था तभी मां ने देखा तो वह भाई को डांटने लगी क्योंकि वह जानवर एक छोटा सा कुत्ता था । जिसका जन्म 4 से 5 दिन पहले हुआ था और उसकी सही से आंख भी ना खुली थी और वह कुछ भी नहीं खा पा रहा था इसलिए मैंने हम दोनों को काफी डाटा और पिताजी ने भी भाई से बोला इसको जहां से लाए हो वहीं छोड़कर आओ नहीं तो यह घर पर मर जाएगा । हम दोनों भाइयों ने कहा कल छोड़ आएंगे आज रात हो गई है।फिर भाई दुकान से दूध को लाकर के वह उसको पिलाया वह नहीं पी पा रहा था तो भाई ने रूई की बत्ती को दूध में डुबो करके उसको मुंह में लगे फिर वह बिस्कुट और दूध को पी पा रहा था वह किसी तरह पीना सीख गया । अगले दिन पिताजी ने कहा जो इसको छोड़ कर आओ तो हम लोगों ने कहा इसको रहने दो । फिर वह धीरे-धीरे दूध दही खाना सब खाने लगा । हम दोनों भाइयों में आपस में इसको लेकर झगड़ा हो जाता कि इसको मैं लेकर सोऊंगा, वह बोलते हैं हम ! दोनों भाई उसको अपनी अपनी तरफ किए थे फिर मम्मी ने कहा कि एक दिन कुत्ते को लेकर तुम सो जाओ, एक दिन भाई। मैंने कहा ठीक है उसका नाम हम लोगों ने मोती रखा ।पिताजी उसको प्यार से मोदी बुलाते थे।बाद में उसका नाम मोदी ही पड़ गया। एक दिन हम चारों लोग खाना खा रहे थे तभी अचानक किचन की तरफ मोदी भौकने लगा, हम लोगों ने सोचा कि वह ऐसे ही भौंक रहा होगा लेकिन वहां काफी देर तक लगातार भौंकता रहा ,तो मैं देखने गया तो वहां पर एक जहरीला सांप था ।उसकी वजह से हम लोग ना जाने कितनी बार बचे हैं । एक दिन माता जी की तबीयत खराब थी। पिताजी कहीं गए थे। हम दोनों भाई स्कूल गए थे। उस दिन मोदी जंजीर के साथ घर के बाहर चला गया । ना जाने की किसने उसके ऊपर तेजाब डाल दिया । जिससे उसकी पूरी पीठ जल गई थी । उसकी पीठ में कीड़े पड़ गए थे और वह मरने वाला था लेकिन मैं उसकी लगातार इलाज करता रहा ,जिसके बाद जल्दी ठीक हो गया और उसके निशान अभी भी बने हुए हैं । मोदी हम लोगों को जान से भी ज्यादा प्यार है । एक दिन मेरे भाई के दोस्त से मोदी को मारने के लिए मेरा झगड़ा भी हो गया था। मोदी घर में ही रहता अगर कहीं जाता भी , तो जब घर में कोई अकेला हो तो वह उसके साथ ही रहता । ‌।        बेजुबान पर कुछ पंक्तियां ............................... तुम हो बेजुबान सब कहते हैं पर आती है तुमको नैनों की। भाषा जो समझे इस भाषा को वह तुझे दिल लगा बैठे हैं।।  

12 अप्रैल 2025 की शाम को उसने अंतिम सांस ली 


विषय का मूल्यांकन करें
लॉग इन

More hindi story from Rohit Tiwari

Similar hindi story from Abstract