बच्चा
बच्चा
गर मैं छोटा बच्चा होता
बड़ी शरारत करता फिरता
इधर कूदता उधर डोलता
घर भर में ऊधम होता।।
........... गर मैं छोटा बच्चा होता
किताब फाड़ता कलम तोड़ता
जाके मां की उंगली मोड़ता
शोर मचाता गला फाड़ता
सबको अच्छा नाच नचाता।।
......... गर मैं छोटा बच्चा होता
बिस्तर को मैं लात मारता
तकिया चादर वहां गिराता
मुझे रोकने जब वह आती
अपनी मां के हाथ न आता।।
.............. गर मैं छोटा बच्चा होता
जो तब सब मैं यह कर पाता
मिलता चैन सुकूं को पाता
संकट मिटे हरे सब पीरा
तब नहीं "बेचैन" कहलाता।।
गर मैं छोटा बच्चा होता