STORYMIRROR

Vimla Jain

Action Inspirational

3  

Vimla Jain

Action Inspirational

बावरी

बावरी

4 mins
290

कभी-कभी जब लड़कियां शादी होकर आती हैं, और उन्हें परिवार का प्यार मिलने लगता है। तो यह सोचने लगती हैं की है हमारा ही परिवार है। और हमको निस्वार्थ प्यार कर रहा है। मगर वह जमाने की चाल बाजियों से अनजान होती है। इसी तरह वह लड़की शादी होकर ससुराल आई। और अपने पति और उसके परिवार के प्यार में बावरी सी सुबह से शाम तक बिना कुछ अपना ख्याल किए दौड़ती रहती थी। सब काम करती रहती । इस सब में उसको अपने खाने तक का भी होश नहीं था, रहने का भी होश नहीं था। बस काम काम और काम।

सब लोगों ने उसको अपनी जरूरत के हिसाब से बढ़ा चढ़ा कर के रखा हुआ था। वह बावरी हमेशा यही समझती कि यह सब मुझे कितना प्यार करते हैं। मैं इन लोगों को कभी तकलीफ नहीं होने दूंगी। और इस चक्कर में अपने आप को भूल कर पूरे परिवार की सेवा ही करती रहती थी। जब तक उसके देवर की शादी नहीं हुई तब तक। उसे ऐसा लगा सच में यह परिवार मेरा है। मुझे बहुत प्यार करता है । थोड़े समय बाद उसके देवर की शादी हुई। देवरानी सर्विस करने वाली थी। पढ़ी हुई तो वह भी थी। मगर सबके इमोशनल चक्कर में उसने अपना तो कुछ सोचा ही नहीं, हमेशा दूसरों के बारे में ही सोचा और वही किया। सुबह से रात हो जाती काम करते-करते वह इतनी थक जाती, रात को अपने कमरे में जाकर अपने कमरे में बिना कपड़े बदले बिना नहाए बस ऐसे ऐसे ही बिस्तर पर बैठ जाती और सो जाती। इस चक्कर में उसके पति भी उससे थोड़े दूर होते जा रहे थे । और घरवाले तो नौकरानी ही समझने लगे थे।

बड़े तो बड़े बच्चे भी पूरे टाइम उसको अपने चाय लाओ, पानी लाओ, खाना लाओ ,बैग जमावौ, इसी में उसको दौड़ाते रहते सुबह जो अपने कमरे से निकलती है रात को ही पहुंचती।

और यह सोचती में बहुत कुछ अच्छा कर रही हूं। वह अपने घर वालों को इतना प्यार करती थी, कि उनके प्यार में बहुत बावरी हुई जा रही थी। 

और उसके सोच उसके दिमाग में यह था कि यह गृहस्थी मेरे बिना नहीं चल सकती। ऐसे करते करते समय बीता। और उसके देवर की शादी हुई देवरानी को देने वाले गहने भी उसके सास ने उससे उसके मांग लिए और देवरानी को दे दिए। क्योंकि वह सर्विस वाली थी उसको बहुत मान पान मिलने लगा।

यहां तक की उसकी सास का उसके ऊपर अत्याचार बढ़ गया। वह और देवर उसको बोलते बेटा बहू कमरे में बैठे हैं तू उनको गरम गरम खाना बनाकर खिला।

थोड़े दिन तो उसको ठीक लगा फिर उसने एक दिन इस के विरुद्ध आवाज उठाई। उसके आवाज उठाते ही सब लोग उसके विरुद्ध हो गए।

उसने कहा मैंने इतने साल की एक टांग पर खड़े रहकर सेवा करी अब आप मेरे को अनुचित करने को कह रहे हैं । यह मैं नहीं कर सकती,

हां खाना सबका बनता है बाहर आओ बैठो खाओ और मदद करो। बस उसने मदद करने का क्या बोला पूरे घरवाले अपने असली रंग में आ गए। यहां तक कि उसका पति भी और उसको बहुत फटकारने लगा।

वह तो एकदम सकते में आ गई क्योंकि आज उस बावरी को उसकी औकात दिखा दी गई थी। कि तुम्हारा दौड़ दौड़ कर काम करना परिवार वालों की चिंता करना यह तुम्हारा प्यार नहीं परिवार के प्रति पागलपन है । तुम ही बावरी हो जो इतना दौड़ती भागती रही हमने तो नहीं कहा था । उधर पति ने भी अपनी दुनिया थोड़ी अलग बसाने की तैयारी की थी।

यह सब देख उसने बच्चों की तरफ देखा तो बच्चे भी उस से मुंह मोड़ कर चले गए । अब उसको झटका लगा उसका बावरा पन एकदम निकल गया और वह जैसे जमीन पर आ गिरी ।

अब वह अपने आप को मजबूत बनाने के लिए अपने लिए कदम उठाने के लिए मजबूर हो गई थी। और पढ़ी-लिखी और होशियार तो थी ही अपनी मंजिल खुद ही तलाश कर ली।

दूसरे दिन से उसने सब काम वाम करना बंद कर दिया। घर का खाली जरूरत पड़ता काम करती और खाली समय में अपने मनपसंद काम करने लगी ।

और उसके ऊपर किसी के बोलने का भी कोई प्रभाव नहीं पड़ा। घर वालों को तो एकदम धक्का लगा। अब उनको पानी के लिए चाय के लिए सबके लिए खुद के काम खुद करने पड़ रहे थे। वापस उसकी लल्लो चप्पोकरने लगे। हमने ऐसा थोड़ी कहा था कि तू काम बंद कर दे। मगर वह तो अपना घरवालों के प्रति अपना बावरा पन छोड़ अपनी दुनिया में जीने लगी।

और अपनी जिंदगी में अपने मनपसंद काम करते हुए आगे बढ़ गई। इसीलिए कभी भी किसी को अपने आप को इतना सुगम नहीं बना देना चाहिए कि लोग आपको पायदान समझने लगें, और लोग उसका गलत फायदा उठा कर आपको नौकरानी ही समझने लगें। और उसके प्यार को ना समझें नहीं तो इस बावरी के जैसा सब का बुरा हाल होगा। 

ऐसे बहुत से उदाहरण मिलेंगे जो आपके सीधे पन का फायदा उठाकर आपको बावरा समझेंगे ।

और अपना काम निकाल कर चलते बनेंगे। सावधान रहिए खुद से प्यार करिए किसी को अपना गलत फायदा मत उठाना दीजिए और स्वाभिमान से जीए। 



Rate this content
Log in

Similar hindi story from Action