अतीशा भाग -५

अतीशा भाग -५

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अभी तक आपने पढ़ा कि अतीशा, रजिया को पैसे लेते हुये देख लेती है और उस अंजान आदमी की गाड़ी का नंबर नोट करती है। अब आगे-

अतीशा चुपचाप अनाथालय वापस आ जाती है और अपना लेपटॉप लेकर अपने कमरे में चली जाती है। फोन में बैलेंस भरवाकर लेपटॉप बंद कर देती है और दिये हुये नंबर पर फोन लगाती है, फोन किसी महिला ने उठाया है।

अतीशा- क्या मेरी सकीना जी से बात हो सकती है, जी में सकीना ही बोल रही हूं आप कौन।

अतीशा घबराते हुये- जी मैं सकीना, क्या आप मेरी मदद करेंगी।

हां, उधर से धीमी सी आवाज आते हुये।

अतीशा-: क्या आपको काफी साल पहले हुयी कोई घटना याद है, क्या आपको मेरे माता पिता के बारे में कोई जानकारी है। सकीना-ः हां मेरी बच्ची, कहाँ हो इस समय, तुम्हारे माता पिता की आंखें तरस गयी तुम्हें देखने के लिए। मुझे तुम्हारी देखरेख के लिए रखा गया था। एक रोज तुम्हें घुमाते समय एक गाड़ी हमारे सामने आ गयी और उसमें से एक आदमी जो नकाब पहने हुये था उस गाड़ी से उतरा और उसने मुझे धक्का दिया और तुम्हें गाड़ी में डालकर ले गया, धक्का लगने पर मेरा सिर वहाँ पर पड़े पत्थर पर पड़ा और में बेहोश हो गयी। होश आने पर मालिक और मालकिन ने पूछा, पुलिस भी बुलायी, सब जगह पता करवाया पर तुम्हारा पता नहीं चला।

अतीशाः- मेरे माता पिता कौन है।

सकीना:- इस शहर के बड़े बिजनेस आयकन रितेश पुरोहित तुम्हारे पिता है और पुजा पुरोहित जो एक डॉक्टर है वो तुम्हारी मां है।

तभी किसी के आने की आहट होती है, अतीशा फोन पर धीरे से बोलते हुयेः- मैं आपसे बाद में बात करती हूं और फोन रख देती है।

क्रमशः


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