अतीशा भाग -३

अतीशा भाग -३

2 mins
372


गतांक से आगे -:

जैसे ही अतीशा ने तस्वीर रजिया काकी के हाथ में रखी, उनकी आँखों में आंसू आ गये और उन्होंने तस्वीर के दो टुकड़े कर दिये।

यह क्या किया काकी अतीशा रोते हुए बोली। क्या कमी रह गयी थी मेरे प्यार में रजिया काकी ने उलहाना भरे ढंग से कहा, नहीं काकी ऐसा नहीं है, मुझे माफ कर दो अतीशा ने कहा।

रजिया काकी ने कहा- अतीशा बैठ जा, गलती मेरी ही है, मुझे तुझे पहले ही सब बता देना चाहिए था। मैं बताती हूं आज से सोलह साल पहले की बात है, मैं अनाथालय के किसी काम से बाहर जा रही थी कि तभी मेरी आँखों के सामने से एक कार गुजरी और खंभे से टकरा गयी। मैंने तुरंत एम्बुलेंस को फोन किया और गाडी के पास पहुँची, दरवाजा खोलकर तुम्हें और तुम्हारी मां को बाहर निकाला और जैसे ही तुम्हारे पिता को बाहर निकालने जा रही थी कि खंभे से तार नीचे आ गया और गाड़ी में आग लग गयी।

तभी वहां पर एम्बुलेंस आ गयी और तुम्हें और तुम्हारी मां को हास्पिटल ले गयी। तुम्हें तो मामूली सी चोटें आयी थी, पर तुम्हारी मां की हालत गंभीर थी उन्होंने मुझे अपने पास बुलाया और कहा कि अगर उन्हें कुछ हो जाए तो अतीशा को मां की कमी महसूस नहीं होने देना, वो तो गुजर गयी पर तब से लेकर आज तक मेंने शादी नहीं की ताकि तुम्हें अपना पूरा प्यार दे सकूं। अतीशा तब तक उनके पैरों के पास बैठ गयी और बोली मुझे माफ कर दो काकी, मुझे अब कुछ नहीं जानना तभी काकी ने अतीशा को उठाकर अपने गले से लगा लिया।

क्रमशः


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama