ऐश्वर्या
ऐश्वर्या
आज बॉस की बर्थडे पार्टी में बड़ी रौनक है। चारों और अत्यंत सुंदर सजावट, मंद मंद मनमोहक संगीत और चारों ओर मेहमानों की चहलकदमी है। पर हमेशा की ही तरह कंपनी की प्रत्येक पार्टी और इवेंट की शोभा में चार चांद तो ऐश्वर्या ही लगाती थी।
ऐश्वर्या ऑफिस की सबसे खूबसूरत लड़की है खूबसूरती के साथ-साथ वह अपने मनमोहक अंदाज एवं मधुर व्यवहार से सबके हृदयों पर राज करती थी...
आज थोड़ा देरी से पार्टी में पहुंची पर पार्टी में बहार ही उसके आने से आई ! पीले अनारकली वाले कुर्ते पर नीला दुपट्टा सरसों के खेत पर नीले आसमान की मनभावन चादर सा लग रहा है, ललाट पर छोटी-सी काली बिंदी चाँद पर दाग सी प्रतीत हो रही है पर फिर भी उसके मुख की आभा में कोई कमी नहीं है । स्वतंत्र विचारों से पूर्ण अत्यंत साहसी है ऐश्वर्या, बिन मांगे सबकी मदद करने वाली बहुत ही प्यारी लड़की है। प्रत्येक नकारात्मकता का प्रत्युत्तर सकारात्मकता से देने वाली ऐश्वर्या कभी किसी का दिल नहीं दुखाती थीं।.....
उसके आते ही समस्त स्टॉफ गण उसके इर्दगिर्द आ गए उनमें से एक साथी विमल था जिसकी शक़्ल और अक्ल दोनों से वहसीपन झलकता था , ऑफिस की सुंदर लड़कियों पर फब्तियां कसना और उन पर अभद्र टिप्पणियाँ करना जैसे उसका पेशा था कभी भी कोई भी मौका वह व्यर्थ नहीं जाने देता था मौका मिलते ही उसकी शाब्दिक छेड़खानी शुरू हो जाती थी ...
आज भी ऐश्वर्या के आते ही लगातार उसे घूरे जा रहा था ऐश्वर्या उस से बहुत घृणा करती थी और सदैव घृणित दृष्टि से ही उसे देखती थी , चूंकि वह सबसे अधिक सुंदर थी सो विमल उसे ही सबसे ज्यादा परेशान करता था सामने तो कभी नहीं बोला पर ऑफिस में इधर उधर जाते समय कोई ना कोई टिप्पणी उसकी निकलती रहती ऐश्वर्या दबे कानों से ही उसे सुनती थी कभी कभी जवाब भी देती पर उसके मुंह लगना ज्यादा पसंद नहीं करती थी । आज भी वह उसके सामने आकर खाने की प्लेट लेकर खड़ा था और बोला- "ऐश्वर्या आज तो कई लोगों के कत्ल हो जाने हैं"
ऐश्वर्या ने उसकी बात को नजरंदाज किया और अपनी दोस्त टीना से बात करने लग गई "टीना!! आज का खाना बड़ा स्वादिष्ट है पर कुछ लोगों की वजह से मुझे यह बेस्वाद लग रहा है, भूख भी थी पर अब मिट चुकी है"
टीना- " क्या यार! तुम भी, तुम खाओ तो सही बहुत ही स्वादिष्ट खाना है और तुम्हें पता है बॉस की पत्नी भी बहुत सुंदर है" ऐश्वर्या- " बस यार यह सुंदर-सुंदर मत बोल सुंदरता तो अभिशाप बनती जा रही है कुछ वहशी लोगों की वजह से , खैर!! बॉस बहुत भाग्यशाली है कि उन्हें इतनी अच्छी पत्नी मिली, सुंदरता के साथ-साथ उनमें आदर्श पत्नी के सभी गुण विद्यमान हैं और बॉस भी कोई कम नहीं है किसी और की तरह सोच से तंग नहीं है! " ....
तभी वहां विमल की पत्नी प्रीता अपनी 10 साल की पुत्री के साथ वहां आती है और सब से अभिवादन करके विमल के पास खड़ी हो जाती है देखने में बहुत ही सीधी एवं सरल लग रही थी विमल के एकदम विपरीत, किस्मत है बेचारी की, जो ये मिला, अब क्या करें जीवन मरण तो अब उस परमेश्वर के संग ही है ...
तभी ऐश्वर्या अचानक कुछ सोच के विमल की पुत्री के पास आकर बोलती है-" हैलो आइटम!!! कैसी हो??"..
सुनते ही सभी के सभी दंग रह जाते है , प्रीता कुछ बोलती उससे पहले ही विमल बोलता है -"यह क्या बकवास है?? इसका नाम प्रियांशी है ,हाउ डेयर यू टू कॉल हर आइटम!!"..
ऐश्वर्या- " ओ! रियली! माय नेम इज आल्सो ऐश्वर्या...
माय फ्रेंड नेम इज आल्सो टीना!! फिर क्यों तुम सबको अभद्र टिप्पणियों से नवाजते हो ?? कभी आइटम! कभी पटाखा!! कभी फुलझड़ी !! पता नहीं किन किन नामों से तुम औरतों को पुकारते हो... तो मुझे लगा शायद हर औरत को मैं भी इस नाम से बुला सकती हूं फिर क्या फर्क पड़ता है कि प्रियांशी केवल 10 साल की है आखिर 10 साल बाद यह भी तो जवान होगी', यह भी उस संरचना में ही ढलेगी जिस में आज मैं हूँ या अन्य स्त्रियां है ! फिर क्या फर्क पड़ता है कि आज यह तेरी छोटी सी पुत्री है, कल यह भी तो सुडौल बदन की एक सुंदर लड़की बनेगी !! इसीलिए जिन नामों से तुम हमें पुकारते हो उसी नाम से मैंने इसे पुकारा तो क्या गलत किया??...
समस्त स्टाफ गण ऐश्वर्या का मुंह एकटक ताकते रहे किसी की भी जुबान से एक शब्द भी नहीं निकला सब विमल की ओर घृणित दृष्टि से देखने लगे...
ऐश्वर्या-" सॉरी फ़ॉर इट प्रियांशी बेटा!! पर आज जो तुम्हें अजीब लग रहा है वह बड़ी होने पर भलीभांति समझ जाओगे, आज के लिए आई एम सो सॉरी!"....
विमल की पत्नी प्रीता की आंखें क्रोध से लाल हो गई और वह रक्तमयी आंखों में आंसू लिए अपनी पुत्री का हाथ पकड़कर वहां से निकल गई...
विमल के कानों में तो मानो किसी ने गर्म लोहा पिघलाकर डाल दिया हो वह एकदम सुन्न सा खड़ा रहा उसके पास बोलने के लिए ना कोई शब्द था, ना ही पलक झपकाने की जरा सी भी क्षमता उसकी जबान मानो तालु से चिपक गई थी , वह चाह कर भी अपने पैर जमीन से उठा नहीं पा रहा था अर्द्ध विक्षिप्त सा वहां अमुक खड़ा ही रहा ।......