अबॉर्शन
अबॉर्शन


मानसी बहुत परेशान, हैरानी से एकटक अपनी बेटी नित्या को देखे जा रही थी। नित्या का सवाल, माँ आपने मुझे जन्म क्यों दिया? अच्छा होता मुझे कोख में ही मार देती। ये जिल्लत भरी ज़िन्दगी मुझे जीनी नहीं पड़ती। और रोते रोते मानसी से लिपट गई।
नित्या अपाहिज थी, एक हाथ छोटा रह गया था। और रंग भी गहरा होने की वजह से बचपन से ही लोगो के ताने कटाक्ष सुन कभी कभी अपना गुस्सा, चिढ़चिढा़पन काबू नहीं कर पाती। पर वो जानती थी, उसकी माँ उसे जान से भी ज्यादा प्यार करती है। लेकिन आज नित्या अपनी माँ से बहुत नाराज थी। और उसने मानसी को हिला देने वाला सवाल पूछ ही लिया।
माँ जबाव दो ना, और उसने मानसी की प्रेगनेन्सी के समय की सोनोग्राफी की पूरी जानकारी, शरीर के भागो की पूरी रिपोर्ट वाली फाईल उसके हाथ में रख दी। मानसी के आँखो से आँसूओ की मानो नदी बह चली।
उसे आज तक कभी नित्या को देख कोई अफसोस नहीं हुआ था। उसने तो अपनी बेटी को मजबूत,हकीकत का सामना कर, आत्म सम्मान के साथ जीना सिखाया था।पढ़ा लिखा अफसर बना दिया था।
पर नित्या का सवाल, उसे सोचने पर मजबूर कर दिया। क्या उसने नित्या को जन्म दे गलती की। क्योंकि डॉक्टर ने पहले ही बता दिया था कि आपकै बच्चे का एक हाथ अविकसित रहेगा। क्या उसे तभी अबोर्शन करवा लेना चाहिए था। पर भ्रूण हत्या तो पाप है !मैं एक माँ ऐसे कैसे करती।
नित्या के सवाल का जवाब, मानसी को नहीं मिल रहा।