अभिव्यक्ति का महत्व
अभिव्यक्ति का महत्व
सैम नाम का एक जवान लड़का अपने घर की छत पर खड़े होकर गली के दूसरी तरफ वाले घर की छत पर खड़ी रानी को रोज़ देखा करता था। दोनों ही एक दूसरे को रोज़ देखते और ये सोचा करते कि काश वो एक दूसरे को प्यार करते होते तो कितना अच्छा होता। यूँ ही देखते देखते महीने और साल निकल गए और दोनों एक दूसरे का प्यार दिल में पालते रहे पर कहा किसी ने किसी से कुछ नहीं।
आखिरकार सैम को लगा कि रानी उसे प्यार नहीं करती वरना वो ज़रूर उसका इज़हार करती। दूसरी तरफ रानी की सोच भी ऐसी ही थी। बेजार और परेशान होकर सैम ने एक दिन आत्महत्या कर ली। मरने से पहले उसने एक खत छोड़ा कि मेरी कब्र के पत्थर पर लिखा जाए "रानी तेरे प्यार में जान दे रहा हूँ।" ऐसा उसकी अंतिम इच्छा के चलते लिख भी दिया गया। रानी तक जब ये खबर पहुंची तो वो कब्रिस्तान पहुँच कर उसकी कब्र पर रोने लगी और बुदबुदाते बोली "काश सैम तुमने एक बार भी कहा होता मैं तो तुम्हें कितना प्यार करती हूँ तुम सोच भी नहीं सकते। "
रानी भावनाओं में इतनी बह गयी कि उसे पता ही नहीं चला की कब सांसों ने उसका साथ छोड़ दिया। वो सैम के पास जा चुकी थी। लोगों ने उसे भी सारी बात जानकर सैम के बराबर में ही दफ़ना दिया।
सन्देश: काश दोनों में से कोई भी इज़हार कर देता तो ऐसा दुखद हादसा न होता। अभिव्यक्ति में बड़ी शक्ति है इसे छोटा मुद्दा न समझे।