आज का रात्रि चिंतन
आज का रात्रि चिंतन
इस बदलते संसार में कौन ऐसा है जो जन्म लेकर मृत्यु को प्राप्त नहीं हुआ है। जन्म लेना उसका ही सफल है जिससे उसका वंश उन्नति को प्राप्त हो॥
संसार के भयरूपी महान दुख को नष्ट करने वाले, ग्राह से गजराज को मुक्त करने वाले,चक्रधारी नवीन कमलदल के समान नेत्र वाले, पधनाभ गरूड़वाहन धारी भगवान् श्रीनारायण का मैं प्रातःकाल स्मरण करता हूँ
वृक्ष स्वयं धूप में रहते हुए भी दूसरों के लिए छाया प्रदान करते हैं तथा उनके फल भी दूसरों के ही उपयोग के लिए है। इसलिए ये वृक्ष सज्जनों के समान ही परोपकारी हैं।
दूसरों को दु:ख देकर, धर्म का उल्लंघन करके, स्वयं का अपमान सहकर, अथवा दूसरों का अपमान करके मिले हुए धन से कभी सुख प्राप्त नही होता।
दु:ख और कष्ट भगवान की बनाई हुई वह प्रयोगशाला है, जहां आपकी प्रतिभा और आत्मविश्वास की वास्तविक परीक्षा होती है। किन्तु जो भी ईश्वर की इस परीक्षा में उत्तीर्ण होता है, वह जीवन की प्रत्येक परीक्षा में उत्तीर्ण होता है।
‼️जय श्री कृष्ण राधे राधे‼️
शुभ रात्रि
