अ लेटर टु एनोनिमस
अ लेटर टु एनोनिमस
मुझे आदत नहीं यूँ हर किसी पें मर मिटने की पर तुझे देखकर दिल ने सोचने तक की मोहलत ना दी।
हाँ होती है मुझे तुम्हारी टेंशन, और वो भी क्यूँ ना हो। माना कि मैं तुम्है अक्सर बोलता रहता हूँ कि इस लड़के से बात नहीं करो या फिर इस लड़के से मत मिलो, पर इसका ये मतलब यह तो नहीं हैं कि मैं तुम्पे कोई रोक लगा रहा हूँ।
बल्कि इस लिये बोलता हूँ क्यूंकि मैं एक लड़का हूं और एक लड़के के फीलिंग्स को अच्छे से समझता हूं, इस लिये मैं तुम्है अक्सर बोलता रहता हूं कि इस लड़के से मत मिलो या फिर इस लड़के से बात मत करो। और ये जो तुम दुसरी लड़कियो कि तारिफ करती हो ना मेरे सामने मुझे नहीं पसंद, मुझे सिर्फ तुम पसंद हो तो प्लीज सिर्फ अपनी तारिफ किया करो ना।
मैं जानता हूं की काफी लड़के तुम्हारे पीछे पागल हैं, पर मुझे तुम एसे देखो ना कि मुझे एहसास हो कि तुम्हारे पीछे सबसे बड़ा पागल मैं ही हूं। मैं जानता हूं की मैं तुम्हे बहुत कम वक़्त देता हूं पर इसका ये तो मतलब नहीं कि मैं तुमसे कम प्यार करता हूं, बल्कि मैं हमेशा कोशिश करता हूं कि कम से कम समय में तुमसे ज्यादा से ज्यादा प्यार कर सकूँ। और माना की कभी-कभी होती है जलन,
और वो भी क्यूँ ना हो, ये जो तुम अपनी पर्सनल बातें किसी के साथ शेयर करती हो ना, मुझे नहीं पसंद मैं चाहता हूं कि तुम अपनी पर्सनल बातें सिर्फ मुझे बताया करो और बाकियों के लिये वो सब बातें राज ही रहने दिया करो ना।
माना की मैं हूँ सेल्फीश तम्हें लेकर क्यूंकि मैं तम्हें किसी के साथ नहीं शेयर करना चाहता। और जब कभी भी तुम दुर रहती हो ना मुझसे तो लगता है तुम किसी और की हो जाओगी, भरोसा है, पुरा है लेकिन क्या करू डर तो रहता है ना। इसलिये प्लीज तुम मेरी नजरों से दुर मत ना रहा करो।

