Md Shahid

Inspirational Thriller Others

3.8  

Md Shahid

Inspirational Thriller Others

3030

3030

4 mins
209


चलो लाइसेंस दिखाओ। ' वो तो मै घर पर भूल गया ' यह शब्द अचानक से मेरे मुंह से निकला। फिर पुलिस वाले ने बोला लाइसेंस तो दिखाना हि पड़ेगा। मुझे लगने लगा कि लगता है आज घर भूलने वाला बहाना नहीं चलेगा कुछ नया सोचना पड़ेगा। मैंने छाती चौड़ी कर के कहा ' आपको पता है मेरे पिताजी कौन है ' ! कोई भी हो हवा तुम्हारे बाप ने नहीं बनाया यहां और लोग भी सांस लेते है और हर साल लाईसेंस अपडेट करवाते है पुलिस वाले ने गुस्से से मेरी तरफ घूरते हुए जवाब दिया। पुलिस का गुस्सा देख कर मैं सांत हो गया और हल्की आवाज में बोला सर लाईसेंस तो एक्सपायर हो गया है। हां तो चालान कटेगा वो भी 50000 का। सर मै स्टूडेंट हूं मेरे पास इतने पैसे नहीं है। 

मोबाइल है ना तो अपने पापा को फोन करो नहीं तो आज मै नहीं छोड़ूंगा तुम जैसो कि ही वजह से आज दुनिया कि ये दसा है ! पुलिस वाले के सर पर एक भी बाल नहीं थे और चेहरे पर स्किन केंसर का धब्बा भी था हालांकि उस सड़क पर धूप से हानिकारक प्रकाश छानने वाले फिल्टर तो लगे थे फिर भी चेहरे का धब्बा गहरा होता जा रहा था मुझे समझ नहीं आ रहा था कि यह गुस्से से हो रहा या फिर धूप से। मैं नर्म आवाज में कहा सर धूप बहुत है पास के ऑक्सीजन ट्री के नीचे जा कर बात करते है। मरना है क्या दो दिन से ऑक्सिज खत्म है कल बोला था कि आज भरा जाएगा अभी तक नहीं आया पुलिस ने चेतावनी भरी आवाज में मुझे बताया!

मुझे पुलिस वाले को देख कर बहुत दया आ रही था और मैं मन में ही सोच रहा था कि हम लोग तो घर से अपने चेहरे पर स्प्रे मार के निकलते है कि धूप से नुकसान ना हो लेकिन यह पुलिस वाला जिसको सायाद स्किन कैंसर भी था बिना स्प्रे धूप में खड़ा हो कर सरकार का खजाना भर रहा है।

मैंने अपने बैग से सन स्प्रे निकाला और पुलिस वाले को दे दिया और बोला इसे आप रख लो आपको इसकी ज्यादा जरूरत है। तभी आसमन से गड़ गड़ की आवाज सुनाई दी और धूप खत्म हो गया उपर देखा तो आसमान बादल से भरा था मै खुश हो गया वर्षों बाद प्राकृतिक बारिश होने वाली थीलेकिन जल्द ही मेरी यह खुशी बदलो कि तरह गायब हो गईअसल में वो बादल नहीं था चन्द्र यान का धुआं था।

मैंने पुलिस से पूछा क्या बृथिंग टैक्स इन लोगो को भी लगता है पुलिस वाले ने हस्ते हुए जवाब दिया नहीं बच्चे ये लोग चांद पर रहने वाले बड़े लोग है इनका हिसाब किताब अलग है धरती पर किसी काम से आए होंगे। यह सुन कर मै भी चांद पर जाने का सपना देखने लगा।दोपहर के 2 बज रहे थे पुलिस वाला थक के बैठ गया था। मैंने उनसे पूछा कि आपने खाना खाया। मै सिर्फ सुबह खाता हूं दोपहर और रात को विटामिंस के इंजेकशन ले लेता हूं दिल्ली के बहुत बड़े डॉक्टर ने मुझे यह सलाह दिया है। मैं मुसकुराते हुए बोला तब तो मैं आपसे ज्यादा फिट हूं

मुझे बस एक टाइम इंजेकशन लेना परता है। और बाकी दो टाइम? पुलिस वाले ने अश्चर करते हुए पूछा। मम्मी सभी विटामिंस की गोली को पिस कर घर में ही पाउडर बनाई है खाने बनाते टाइम मेरी बात खत्म भी नहीं हुई थी कि पुलिस वाले ने कहा मुझे अब कमजोरी लगने लगी है सायद मेरे इंजेकशन का टाइम हो गया।फिर उसने बैग से 1 लिटर कि विटामीन कि बोतल से 5 मिली सिरिंच में भरा

उनकी विटामिंस की दवा गहरे लाल रंग की थी सीरिंच के सुई से लाल बूंदे टपक रही थी जैसे कि खून हो। पुलिस वाले ने मुझसे कहा तुम भी थोड़ा सा ले लो और जैसे ही इंजेक्शन देने वो हाथ बढ़ाया मेरी नींद खुल गई और मैंने खुद को इक्कीसवीं सदी में पाया इस सपने को देख मैं बहुत डर गया था और सुबह उठने के बाद सबसे पहले आंगन में एक पेड़ लगाया। और अब मैं सभी को कहता हूं कि अगर दुनिया बचना है तो एक इंसान काम से कम एक पेड़ जरूर लगाए।


Rate this content
Log in

More hindi story from Md Shahid

3030

3030

4 mins read

Similar hindi story from Inspirational