ज़िन्दगी
ज़िन्दगी
बेबस समंदर की लहरों को देखो
हवाएं उलझ कर उठाती गिरातीं
लगती हैं दिलकश कभी तो हमें ये
कभी तो उछल करके हमको डरातीं।
इसे ज़िन्दगी के सलीके से देखो
यूँ ही ज़िन्दगी को तरीके से देखो
यही ज़िन्दगी है हमारी तुम्हारी
ये पल पल बदल करके हमको दिखातीं।