ज़िंदगी एक गाड़ी है
ज़िंदगी एक गाड़ी है
ज़िंदगी एक गाड़ी है, संसार के तमाम स्टेशन में यह रुकती है;
कभी दुःख का मौसम आता है, कभी सुख की फुलवारी आती है;
कभी कोई छोड़कर जाता है, कुछ बिन मांगे ही मिल जाता है,
राहों में काँटे तो होंगे, लेकिन अपने पथ पर निरन्तर बढ़ते चलोI
हँसते हँसते सफर तय करना होगा, मंज़िल की मत फिकर करो;
किराए के मकान में हैं, क्यों न हम संसारी हो जाएँ;
छोड़ो सारे मायाजाल को, थोड़ा सन्यासी बन जाएँI
