ये समय
ये समय
समय नहीं ये एक दूजे पर
दोषारोप करने कि
तू हिन्दु मैं ईसाई
वो मुस्लिम बोध या जेन
ये पूछ के इन सा नीयत को
शर्मसाार करने कि
समय है ये हाथ बढ़ा कर
एक दूजे कि सहायता करने कि
ना बाँँटो अब पृथ्वी को हमारी
बहा के सीमा पर नदियाँ खून कि
अक्षुर्ण रहने दो इस गोला को
हराकर करोना को
लहराओ एवरेस्ट पर
ध्वजा विजय कि
ये समय है एक सुर
एकता का महा मन्त
'वसुधैव कुटुम्बकं'
सबको गुनगुनाने की ।।
