और एक बार अजनबी बन जाएँ
और एक बार अजनबी बन जाएँ
![](https://cdn.storymirror.com/static/1pximage.jpeg)
![](https://cdn.storymirror.com/static/1pximage.jpeg)
आओ हम और एक बार
अजनबी बन जाएँ
इस समय की कशमकश से
पीछे चले जाएँ
ना तुम्हारे ख्वाबों में
मेरा आना जाना हो
ना मन सागर में
आशाओं का तैरना हो!
आओ उम्मीदों के परीन्दे को
दूर कहीं आसमान नें
उड़ने को छोड़ जाएँ
आओ हम और एक बार
अजनबी बन जाएँ |
ना अब इन्तजार की गज़ल
गुनगुनाना हो
ना कही अनकही कहानी की
पेडी तुम्हारे हाथ थमाना हो
आओ बन जाएँ हम
वो दो दूरदेशी चिडिया
जो मिले एक ऋतु में
और सब भुलाके
अपना देश लौट जाएँ
या फिर बन जाएँ
एक सीट पर बैठे
वो दो हमसफर
कुछ समय की गुप्तगु के बाद
अपना अपना समान उठाकर
अपनी मंजिल के ओर चले जाएँ,
आओ हम और एक बार
अजनबी बन जाएँ!!