ये दुनिया है दिल वालों की
ये दुनिया है दिल वालों की


जिस दिल में किसी का दर्द नहीं,
कोई उससे बड़ा बेदर्द नहीं।
जो सुख का साथी बन न सके,
और दुख में सहारा दे न सके।
इन्सानों की इस दुनिया में,
ऐसा जीना भी क्या जीना ?
यदि इसको जीना कहते हो,
ऐसे तो.... सभी जी लेते हैं।
ये दुनिया है दिल वालों की,
यहाँ दिल भी हैं दिलदार भी हैं।
दिल वालों की इस दुनिया में,
हिल -मिल कर सारे लोग रहें।
सुख- दुख में सबका साथ रहे।
सबके दिल में अपनत्व रहे।
दिल से न दिलों की दूरी हो,
सब वैर-भाव से दूर रहें।
तब ही यह कह सकेंगे हम,
ये दुनिया है दिल वालों की।
दिल वालों की मतवालों की।
कदम से कदम मिलाकर
सबके साथ में चलने वालों की।