ये दिल भी कितना पागल है
ये दिल भी कितना पागल है
दुनिया बदल जाती हैइंसान बदल जाते हैं
रिश्ते बदल जाते हैं वक्त बदल जाते हैं
पर कुछ नही बदलता है तोह ये दिल
जो सीने मे धड़कता रहता है
कहते हैं कि इंसान की पहचान वक्त तय करता है
कौन बुरे वक्त मे साथ देता है और कौन नही
वक्त ऐसा है की दोस्त दुश्मन बन जाते हैं और दुश्मन दोस्त
वक्त ऐसी चीज है कि दुनिया हिला देता है
पल भर मे आसमानो पर बैठा है तो
पल भर मे जमीन पर गिरा देता है
वक्त कभी रुखत नही है चलता ही जाता है
कुछ पल वक्त के इतने हसीन रहते हैं कि दिल चाहता है कि वक़्त यहीं थम जाए
और कुछ वक्त ऐसे होते हैं कि दिल चाहता है कि जल्दी बीत जाए
यह दिल भी कितना बावरा है
समझता ही नही है कि वक्त के आगे कुछ नही चलता
वक्त दिलों को तोड़ता है और वक़्त दिलों को जोड़ता भी है
ये दिल भी कितना पागल है
चाह यही है कि एक न एक दिन मेरा भी वक्त बदल जाए।