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Raj K Kange

Romance Others

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Raj K Kange

Romance Others

यादों की बारिश

यादों की बारिश

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लो फिर से सावन की झड़ी आ गई,

और तेरी यादों की बारिश मुझे

फिर से रुला गई।


वो एक छतरी के नीचे साथ -साथ चलना,

आधा बचना आधा भीगना।

बादल की गरज से डर कर ,

मेरा तेरी बांहों में सिमट जाना।


हाथों में हाथ डाले,

भीगी भीगी सड़कों पर यूं ही बेमतलब घूमना।

मुझे गले लगा कर प्यार से,

तेरा मेरे माथे को चूमना।


हर बार ये सावन की बारिश 

तेरी याद दिला जाती है,

और तेरी यादों की बारिश मुझे

रुला जाती है।



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