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Lovish Sharma

Tragedy Inspirational Thriller

4  

Lovish Sharma

Tragedy Inspirational Thriller

" यादें "

" यादें "

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जाने वाले चले जाते है, रह जाती है हमारे साथ तो बस उनकी यादें।

थे हमे उनसे कुछ गिले, कुछ शिक्वे पर चले जाते है वो भी साथ उनके।।

करणी थी कुछ बातें उनसे, वो बाते भी अधूरी रह गई।

साथ रह गई तो बस यादें उनकी।।


कभी हाथ पकड़ कर घुमा करते थे साथ में,

अब वो हाथ भी तरस जाता है उस हाथ के साथ को।

दिल को कुछ समझा कर, वो हाथ पीछे कर लिया करता हूं।

बस उनकी याद में कुछ आसूं बहा लिया करता हूं।।


जो चीजें होती थी उनके साथ 

अब वो हर पल,हमे दिलाती है उनकी याद।

करे थे कुछ वादे उन्होंने वो वादे भी चले गए उनके साथ।। 


जो हम रूठ जाते तो मना लिया करते थे हमे।

कभी मार से कभी डांट से बचा लिया करते थे हमे।


पुरानी यादों को दुबारा जीने के लिए।

आप के संग बिताए हुआ पलों को याद करने के लिए।

आपकी कुछ तस्वीरों का सहारा ले लिया करता हूं।

आप के याद मैं दो आसूं बहा लिया करता हूं।


अगर मिल जाता एक मौका फिर से मिलने का तो

पूछ लेता की क्या जल्दी थी हमसे जुदा होने की।

क्या कुछ कमी रह गई हमारी सेवा की।।

अगर कभी याद आए हमारी तो हमारे सपनों में आ जाना। 

दो बातें करके फिर से खुदा के पास लोट जाना।।


सोचा था जिंदगी का हर पहलू आप को बताऊंगा,

अपनी सारी कहानियां आपको सुनाऊंगा।

पर किसको पता था मैं,

अपनी आगे की जिंदगी आप के बिना बिताऊंगा।।


सूने हो गए हो कमरे जहां आप रहा करते थे।

हमारी बातों पर हंस कर हमे गले लगा लिया करते थे।।


#आपका एक बात को बार-बार पूछना हमे बहुत याद आयेगा।

 आप से जुड़ा हुआ हर पल हमे आपकी याद दिलाएगा।।


आपका हमे हमारी गलतियों पर समझाना बहुत याद आयेगा।

लेकिन वो बीता हुआ कल कभी दुबारा न आएगा।।

बस इतने ही सालों का था साथ, आपका हमारे साथ।

मिल जाता कुछ और वक्त तो कर लेते कुछ बातें

और पकड़ कर आपका हाथ।।


आके हमारी जिंदगी में आप हमें बहुत कुछ बता गए।

कुछ समझाकर, कुछ दिखाकर हमे जीना सिखा गए।


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