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S. Bhure.

Children

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S. Bhure.

Children

याद आते है वो लम्हे बचपन के

याद आते है वो लम्हे बचपन के

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याद आते है वो लम्हे बचपन के

 वो माँ का हसता चेहरा

 मेरे चेहरे पर मुस्कुराहट का पेहरा

 वो रात मे तारे गिनना


 चांद को नीला नकाब ओढे देखना

वो दोस्तो के साथ दिन भर खेलना

हमेशा की तरह बिना बात के लढना

वो पाठशाला मे उठक बैठक लगाना


दोस्तो के साथ शरारत करना

बेहनो के साथ बैठकर कहानी सुनना 

फिर उन्हे बेमतलब के सवाल पूछना

याद आते है वो लम्हे बचपन के।


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