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Nanda Pandey

Inspirational

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Nanda Pandey

Inspirational

वो सैनिक है !

वो सैनिक है !

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भारतमाता की कोख से पैदा

ज्वलित होता हुआ चिराग है 

ज्वालामुखी की भंवर से निकला

दहकती हुई आग है 


जिसकी वाणी में दहाड़ है 

जिसकी साँसों में फुफकार है,

जो खुद ही एक फौलाद है और

साहस जिसका हथियार है,

वो सैनिक है...!


रक्त -रंजित इस धरा पर

नेह की गंगा बहाता फिर

बाजुओं के जोर से अपने,

देश का गौरव बढ़ाता,


जिसके लबों पर हंसी,

आंखों में उमंग

न जीत की आस,

न हार का गम,

जीवन जिसका

 कल-कल कर बहती

निर्झर गाथा का सजीव रूपांतरण है,

वो सैनिक है....!


सरहद पर आंख उठाने वालों का भक्षक है

 हर औरत के सिंदूर का रक्षक है 

अपलक हथियार थामे 

हिमालय सा काल है वो,

दिल में शोलों को लपेटे

उबलता हुआ भूचाल है वो,


जीवन ब्रह्मांड को उज्जवलित

करता दिनकर है और

काल के विनाश का

ज्वलंत उदाहरण है जो,

वो सैनिक है....!


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