STORYMIRROR

Nanda Pandey

Inspirational

4  

Nanda Pandey

Inspirational

वो सैनिक है !

वो सैनिक है !

1 min
57

भारतमाता की कोख से पैदा

ज्वलित होता हुआ चिराग है 

ज्वालामुखी की भंवर से निकला

दहकती हुई आग है 


जिसकी वाणी में दहाड़ है 

जिसकी साँसों में फुफकार है,

जो खुद ही एक फौलाद है और

साहस जिसका हथियार है,

वो सैनिक है...!


रक्त -रंजित इस धरा पर

नेह की गंगा बहाता फिर

बाजुओं के जोर से अपने,

देश का गौरव बढ़ाता,


जिसके लबों पर हंसी,

आंखों में उमंग

न जीत की आस,

न हार का गम,

जीवन जिसका

 कल-कल कर बहती

निर्झर गाथा का सजीव रूपांतरण है,

वो सैनिक है....!


सरहद पर आंख उठाने वालों का भक्षक है

 हर औरत के सिंदूर का रक्षक है 

अपलक हथियार थामे 

हिमालय सा काल है वो,

दिल में शोलों को लपेटे

उबलता हुआ भूचाल है वो,


जीवन ब्रह्मांड को उज्जवलित

करता दिनकर है और

काल के विनाश का

ज्वलंत उदाहरण है जो,

वो सैनिक है....!


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational