वो दूर हुए हमसे
वो दूर हुए हमसे
न जाने क्या खता हो गई हमसे,
वो नाराज़ हो गए किसी बात से,
न कुछ बोला उन्होंने हमसे और
न ही कुछ कहने का दिया हमें मौका,
बस कर लिया फ़ैसला और दूर हो गए
समझ नहीं आता कि क्या करें
कहाँ जाएँ किसे सुनाएं हाल ए दिल !
गर जो सुनते थे हमें अभी तक,
न जाने अब कहाँ गुम हो गए।
बस चुपचाप रहने को हम मजबूर हो गए
जब से दूर हुए हैं वो हमसे
होंठों पर हँसी नहीं, दिल उदास रहता है,
आँखों में पानी हमेशा, दिमाग कहीं और रहता है।
दूर हमसे होकर खुश तो वो भी न होंगे
बस अकेले अकेले रोने को हमसे दूर हो गए।
अब क्या करूँ मैं? ये समझ नहीं पा रहा
सलाह लेता था उन्ही से, अब वो सहारा न रहा।
दुनिया की भीड़ में खुद को अकेला पा रहा,
अपनी खता का होता पता,
तो सुधार लेता ख़ुद को
बस वो गलती बताये बिना सज़ा दे गए।
वैसे तो हर समस्या का निदान होता है,
किसी का मुश्किल तो किसी का आसान होता है !
मैं ढूंढ रहा हूँ उस समाधान को जो लौटा दे
ख़ुशीऔर ख़तम कर दे सारी गलतफ़हमियों को
बस वो बिना मौका दिए दूर हो गए।
कोशिश है कि वो दिन जल्दी ही आए,
हम बात करें उनसे भरपूर, और वो हमसे दूर न जाएँ,
मिल कर रहें साथ हमेशा, एक दुसरे का साथ निभाएं।
न फिर आए समय ऐसा जैसा इस बार हुआ
बस ऐसा वो हमको उम्र भर का सबक दे गए।