Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

हरि शंकर गोयल

Romance

4  

हरि शंकर गोयल

Romance

वो अगर जोर से हंस दें

वो अगर जोर से हंस दें

1 min
252


हुस्न वाले तो आंखों आंखों में मुस्कुराते हैं 

दबी दबी हंसी से ही वे कयामत बरपाते हैं 

शोख अदाओं से करते हैं सरे बाजार कत्ल 

और सितम यह, फिर भी मासूम कहलाते हैं।


उनकी नशीली नजर फिर कमाल कर गई

तिरछी मुस्कान महफिल में धमाल कर गई

पल्लू को दांतों तले दबा लजाने की वो अदा

ना जाने कितने आशिकों को बेहाल कर गई।


अगर वो नजर उठा दें तो भूचाल आ जाए 

घनेरी जुल्फों को झटक दें तो तूफां आ जाये 

उन्हें देखने से ही बंध जाती है घिग्घी बदन में

अगर वो जोर से हंस दें तो कायनात हिल जाये।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance