वंदनीय गुरुजी
वंदनीय गुरुजी

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सात सुरों की सरगम जैसे,
इन्द्रधनुष के रंग है सात,
जीवन हमारा सुख दुख से भरा ,
फिर भी हमें लगता प्यारा।
जगत में आये, जन्म लिया,
माँ बाप ने प्यार से चलना सिखाया,
गिरते उठते फिर चल देते,
जीवन का यह बोध सिखाते।
पहले शिक्षक माँ बाप हमारे,
हमे लगते बहुत प्यारे,
साल गुजरे पाठशाला गये,
संसार के नियम शिक्षक ने सिखाये।
आँधी तूफान आते जाते,
सामना करना गुरुजी ने सिखाया,
जीवन बना हीरे मोती समान,
हमारे शिक्षकों को सादर प्रणाम।
शिक्षक दिवस अवसर अनमोल,
धन्यवाद शिक्षक सारे जो है अनमोल,
जीवन बना हीरे मोती समान,
हमारे शिक्षकों को सादर प्रणाम।