वक्त..
वक्त..
दिन आता हैं दिन जाता रहता है
हर राेज वक्त गुजरता रहता है
काेई दिनमें सपने देखता है,
काेई सपनाें काे बस गिनता है,
काेई टूटे सपनाें पर राेता है,
काेई सपनाें के लिए ही साेता है,
काैन कैसे कितना
फायदा करता हैं, ये देखने
गुजरती गली से वक्त
राेज झाँकता रहता है।