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विश्वास कब तक रोक पाओगें

विश्वास कब तक रोक पाओगें

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रोका है कुमार को, विश्वास कब तक रोक पाओगें

मां सरस्वती का है आशीष साथ

विश्वास तो नहीं रोक पाओगें

है भला सूरज को रोकने की ताकत

कब तक रोक पाओगें

जितनी मर्ज़ी हो करलो कोशिश

कब तक रोक पाओगें

“अनुज” रोका है एक कवि को

मगर कविता से निकला गान कैसे रोक पाओगें।


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