STORYMIRROR

Sudhir Srivastava

Abstract

3  

Sudhir Srivastava

Abstract

विकास दिवस

विकास दिवस

1 min
272



आइए विकास दिवस मनायें

दिवस मनाने की भी

औपचारिकता निभाएं।

क्योंकि औपचारिकता निभाने में

तो हम उस्ताद हैं,

विकास की गंगा का 

मीठा मीठा स्वाद है।

विकास तो विकास है

अपना हो या समाज

या फिर राष्ट्र का।

आखिर विकास तो जरूरी है

हम सबकी मजबूरी है,

इसलिए विकास का रोडमैप

बहुत जरुरी है,

मेरे घर से होकर 

उसका निकलना जरूरी है।

तभी तो विकास की गंगा बहेगी,

समाज ,राष्ट्र का विकास

तो होता रहेगा,

मेरी तिजोरी का भर जाय

तभी तो मेरा विकास होगा।

तो आइए !विकास दिवस मनाएं

अपने विकास का रोडमैप

मिलकर बनाएं।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract