STORYMIRROR

Shyam Kunvar Bharti

Inspirational

4  

Shyam Kunvar Bharti

Inspirational

वीनवा के तार

वीनवा के तार

1 min
497

झन झंकार बाजे माई तोर वीनवा के तार।

हंस चढ़ी चली आवा माई हाली हमरे द्वार।


अज्ञानी अनाड़ी तोहके हम हरदम पुकारेली।

सुनर गोर रूपवा माई हम एकटक निहारेली।

बल बुद्धि देतु माई करा हमरो उद्धार।

झन झंकार बाजे माई तोर वीनवा के तार।


दुनिया मे केहु नईखे बिना तोहरे मोर सहारा।

डलतू नजरिया हमरो मिल जात अब किनारा।

तोहरों चरनिया पूजे माने सारा संसार।

झन झंकार बाजे माई तोर वीनवा के तार।


रूपवा तोहार देवी खूब चम चम चमकेला |

मनवा हमार बिना तोहरे डह डह डहकेला।

बिदद्या के देवी शारदा भर दा झोलिया हमार।

झन झंकार बाजे माई तोर वीनवा के तार।


अँखिया के लोर मोर टप टप टपकत बा।

ज्ञान बिना भारती अब गली गली भटकत बा।

किरीपा करा भवानी होखे मोर लेखनी सुधार।

झन झंकार बाजे माई तोर वीनवा के तार।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational