विद्या
विद्या
विद्या ! बहुतों के लिए एक अनसुलझी पहेली !
तो कुछ के लिए एक सुनहरा वरदान।।
शब्दों के अर्थ से जो वाकिफ़ हमे कराती।
समझदार के लिए इशारा और नासमझों के लिए सीख बनकर आती।।
मिल जाए जो सच्चा गुरु, तो परमात्मा से साक्षात्कार कराती।
किसी को अहंकार की झलक, तो किसी को समर्पण का भाव सिखाती ।।
विद्या के बारे में, और क्या कहें साहब।
ये तो हमें जीवन जीने का तरीका बताती।।
वाह वाह, धन्यवाद
लेखक:- अंकित मिश्रा।।
