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Sunita Mishra

Abstract

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Sunita Mishra

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उठो धरा अलबेली

उठो धरा अलबेली

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उठो धरा अलबेली

मल मल चंदन लेप लगाओ

हरित वसन से देह सजाओ


भवरों की गुन गुन संग

इत्र पराग लगाओ

पुष्पों के आभूषण हो

केसरिया बिन्दी सजाओ।


मलयानल की सिहरन

होठों पर संगीत बजाओ

रंगीन तितलियों की पायल

छनक छन गीतों को गाओ।


मेघराज द्वार पर खड़े तुम्हारे,

चंदन कुंकुं तिलक लगाओ

उठो धरा अलबेली

कर लो स्वागत

बनकर दुल्हन नयी नवेली।


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