उनकी खूबसूरती
उनकी खूबसूरती
चेहरा की चमक जैसे आफ़ताब है,
खूबसूरत है मुखड़ा जैसे खिला गुलाब है !
नयन भी लगते शीतल जैसे गंगा का प्रवाह है,
सुर्ख ओठों को कर स्पर्श निकल रहा हर हर्फ़
महक़ रहा जैसे गिरी आसमान से इत्र की बर्क !
कानों का झुमका झूल रहा लग रहा
जैसे गालो को चूम फूल रहा,
खूबसूरत केशों की लटायें जैसी हो
काली मेघो की घटायें !
मुस्कान भी बन चांदनी नूर अपना बहाये,
घायल करे आपकी सारी अदाएँ !
सादा सरल व्यक्तित्व सबके मन को भाये,
खूबसूरत है शक्ल कोई कैसे खुद को बचाये !
सुख़नवर कैसे हाल दिल का सुनाये,
मुमकिन नहीं इस खूबसूरती को
चंद अल्फाजो में जकड़ पाए !