Rituja Singh Baghel
Romance
उनका फूल
इमारतें बना देता है,
यादों की..
कि तभी
भरभरा कर
गिर जाती है
छत और मेरे
ख़्वाब धराशायी
दिखने लगते हैं
क्या है?.....एक समर्पण भावना, तुझे खोकर भी पा लूंगी, जो मिल जाए तेरा साथ। क्या है?.....एक समर्पण भावना, तुझे खोकर भी पा लूंगी, जो मिल जाए तेरा साथ।
एक भरी पूरी मांग से कुमकुम का नाता ही टूट गया। एक भरी पूरी मांग से कुमकुम का नाता ही टूट गया।
नयी यादों को जोड़ने में गुम हो जाना वो यादें। नयी यादों को जोड़ने में गुम हो जाना वो यादें।
हर जगह पाओगे खुद को मेरी बांहों में। हर जगह पाओगे खुद को मेरी बांहों में।
आसान नहीं होता खुद को भुलाकर, किसी और से एकतरफा प्यार करना। आसान नहीं होता खुद को भुलाकर, किसी और से एकतरफा प्यार करना।
चांद अपनी प्रियतमा की खोज में, दिन के नये सफर पर चल दिया। चांद अपनी प्रियतमा की खोज में, दिन के नये सफर पर चल दिया।
ऐसा मेरा अपना मेरा जिगर मेरा ख़ास जो थाम कर क़लम बिख़रे अपने ज़ज़्बात ऐसा मेरा अपना मेरा जिगर मेरा ख़ास जो थाम कर क़लम बिख़रे अपने ज़ज़्बात
जिसके बिना, जीवन जैसे बनकर रह गया है, बस एक काली परछाई। जिसके बिना, जीवन जैसे बनकर रह गया है, बस एक काली परछाई।
इश्क आँखों से होक इक जुनून बन जाये आशिकी... इश्क आँखों से होक इक जुनून बन जाये आशिकी...
ये जश्न है अपने जीवन का ऊंची नीची लहरों पे माझी, ये जश्न है अपने जीवन का ऊंची नीची लहरों पे माझी,
तेरे साथ जीने को ये दिल प्यासा है, ये दिल प्यासा है। तेरे साथ जीने को ये दिल प्यासा है, ये दिल प्यासा है।
क्यूँ की तुम ही हो मेरी जिंदगी तुम ही हो चैन मेरे दिल की। क्यूँ की तुम ही हो मेरी जिंदगी तुम ही हो चैन मेरे दिल की।
इस प्यार में इतना दर्द मिलता है। इस प्यार में इतना दर्द मिलता है।
अजीब सी हो गई जिन्दगी में, कुछ मीठे लम्हों का एहसास करा जाओगे। अजीब सी हो गई जिन्दगी में, कुछ मीठे लम्हों का एहसास करा जाओगे।
आना नहीं तेरी राहों में, आना नहीं तेरी राहों में आना नहीं तेरी राहों में, आना नहीं तेरी राहों में
जिंदगी का रास्ता है काँटों भरा फिर भी जिंदगी के रास्ते में चल रही हूँ। जिंदगी का रास्ता है काँटों भरा फिर भी जिंदगी के रास्ते में चल रही हूँ।
आदम और हव्वा की तरह . सारी सृष्टि आलिंगन करती सी! आदम और हव्वा की तरह . सारी सृष्टि आलिंगन करती सी!
सावन की तीज में मेंहदी में मिला के, नाम तुम्हारा ही अपने हाँथों पे रचाऊँगी। सावन की तीज में मेंहदी में मिला के, नाम तुम्हारा ही अपने हाँथों पे रचाऊ...
तू कल का वादा करके आज ना आती तो मैं शायद चुप रहता। तू कल का वादा करके आज ना आती तो मैं शायद चुप रहता।
मैं ख़ुश हूँ उन्हें अपने शहर में देखकर। मैं ख़ुश हूँ उन्हें अपने शहर में देखकर।