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Deepak Kumar

Inspirational

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Deepak Kumar

Inspirational

उम्मीद

उम्मीद

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अपने ही अंदर टूटना, बार-बार टूटना।

 कई बार हारना फिर भी हार न मानना।

गिरना और गिरते-गिरते ज़ख्मी हो जाना।

बेहद मुश्किल होता है बार-बार खड़ा होना।

सपनों का टूटना, टूटते हुए सपने को देखना।

अवसाद में डूबना, डूबते हुए खुद को बचाना

बड़ा कठिन होता है स्वयं को संभाल पाना।

किंतु इन सब के बीच..

आशा, उम्मीद, मेहनत, संघर्ष का दामन थामें रहना।

जरूरी होता है जीवन में निरंतर आगे बढ़ते रहना।


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