उम्मीद जरूरी है
उम्मीद जरूरी है
यह बात नहीं है बहुत पुरानी,
जब कारगिल पर लहराया था झंडा हिन्दुस्तानी।
क्या यह सब संभव हो पाता
उन वीरों के बलिदान के बिना?
जिन्होंने देश के गौरव की रक्षा के लिए,
न्योछावर कर दिया तन अपना।
उनमें सहास और जोश तो था ही
साथ ही एक आंतरिक भाव भी जरूरी था,
ऐसे घोर अंधेरे को मिटाने के लिए,
उम्मीद के उस दीपक को जलाना जरूरी था।
उम्मीद वह भाव है,
जो भरोसा करने पर आता है।
जिससे उम्मीद की जाती है,
उसे कार्य करने के लिए प्रोत्साहन भी मिल जाता है।
उम्मीद ही तो वो बुनियाद है
जिसपर मानवता का मकान है खड़ा,
ईमानदारी और नेक कार्य
बनाते है जिसे आलीशान और बड़ा।
जिंदगी के राह पर काटें तो बहुत आते हैं,
पर कुछ ही लोग, उन राहों पर
अपनी छाप छोड़ पाते हैं।
ऐसा क्या है इनमें,
जो इन्हे दूसरों से अलग बनाता है?
लगन और परिश्रम के अलावा,
‘खुद पर भरोसा रखना’ ही इन्हे अद्वितीय बनाता है।
‘खुद पर भरोसा रखना’ भी,
उम्मीद का ही एक रूप माना जाता है,
यही तो आसान शब्दों में,
‘आत्मविश्वास’ कहलाता है।
उम्मीद के है कई रूप,
करता यह कम लोगों के बीच की दूरी है,
सफलता प्राप्त करने के लिए,
उम्मीद बहुत जरूरी है।
