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SHUBH SRIVASTAVA

Inspirational

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SHUBH SRIVASTAVA

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पर्यावरण: एकता का प्रतीक

पर्यावरण: एकता का प्रतीक

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विभिन्न लोग, विभिन्न संस्कृतियाँ यहाँ की पहचान है,

विभिन्न भाषाओं, विभिन्न धर्मों के बाद भी ,

गाते हम हिंदुस्तानी नाम का गुणगान है।


भारत के  लोगों की दूरियाँ,

अपने आप कम हो जाती है,

जब पर्यावरण से जुड़े होने की बात की जाती है।


जन्मो- जन्मो से भी पुराना, हमारा इस भूमि से जुड़ाव है,

धार्मिक ग्रंथों में भी, इन सब का हिसाब है।


चाहे मुरारी की मुरली देखो,

चाहे देखो ईद का चाँद ,

चाहे क्रिसमस का क्रिसमस ट्री देखो,

या देखो बैसाक़ी का नाच-गान।

 

यह ही ऐसा देश है जहाँ नदियाँ भी ईश्वर समान है,

हिमालय पर्वत को दिया गया ,गंगा के पिता का स्थान है।


केले के पत्ते पे खाना,

दक्षिण भारत की पहचान है,

भारतवासियों ने माना वायु, पेड़ और सूर्य को भगवान है।

 

बारिश भारत के लोगों को एकजुट रखने का प्रतीक है,

आप पूछते है कैसे?

जवाब इसका एकदम सटीक है,


बारिश के वजह से ही सम्भव है,

किसान की फ़सल का उगाव,

बारिश लाती है ख़ुशियाँ और भाई चारे का भाव।


लेकिन अब लोग इस परम्परा को भूला रहे है,

जिसको भगवान माना उसी का अपमान कर रहे है।


नदियाँ गंदा करने में अब आता है इन्हें मज़ा,

पेड़ और वायु को मिल रही है,

इनकी सेवा करनी की सजा।


मैं चाहता हूँ यह परम्परा,

एक बार फिर हमारे अंदर जाग्रित हो,

पेड़, नदियाँ और वायु को बचाने के लिए,

एक बार फिर हम सब एकजुट हो।


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