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Hardik Mahajan Hardik

Abstract

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Hardik Mahajan Hardik

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उड़ान

उड़ान

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उड़ान भरने निकल पड़ा हूँ,

अपनी मंज़िल ढूंढ लिया हूँ।


साथ तेरा हमेशा मैं रहता हूँ,

कलम तेरे साथ चलाता हूँ।


प्रखर कलम यह ज़िंदगी हूँ,

इस दुनिया में मैं तो हमेशा हूँ।


हार्दिक रुके ऐसा तो नहीं हूँ,

मैं ज़िन्दगी में साथ हमेशा हूँ।


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