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Adv Vishakha Samadhan Borkar

Abstract Action Inspirational

4.5  

Adv Vishakha Samadhan Borkar

Abstract Action Inspirational

उड़ान

उड़ान

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हां वो भी उड़ना चाहती है

अपने पंखों के बल पर ।

देखणा चाहती है दुनिया

दीवारों के उस पार की


क्यूँ पसंद नहीं आजादी

उसकी लोगों को

कब करेगी वह तय

अपना जिंदगी का सफर।


यूँ तो हौसला उसको

उसके ख्वाबों ने दिया है।

क्यों देखती है दुनिया उसे

अभी भी तरसकर ।


क्या उसके ख्वाबों को

नहीं कुछ नाम पता।

क्यों उसको हक्क के लिए

लड़ना पड़ता है जिंदगीभर।


ये दुनिया किस मिट्टी की है तू

बता दे मुझको

वो लढ़ती रहती है

और तू देखती जाती है।

तू ही आज बता दे

क्यों खींचे ओढ़े जाते हैं

पंख उसके खींचकर ।


लेकिन वह भी लड़ती रहेंगी

अपने अस्तित्व के लिए दुनिया से

करेंगी सलाम दुनिया सारी

एक दिन उसको झुककर।


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