तुमसे बेइन्तहा प्यार करती हूँ
तुमसे बेइन्तहा प्यार करती हूँ
खुद को अब
तुझ से पहचानती हूँ
तेरी मुस्कराहट से
खुद को सवारती हूँ
दुआओं में
तुझे ही मांगती हूँ
मेरी जान मैं तुमसे
बेइन्तहा प्यार करती हूँ
ख़ुदा से मिला
रहमत है तू
जब भी सर झुका
वो इबादत है तू
तेरे नज़रों से खुद की
नजर उतारती हूँ
मेरी जान मैं तुमसे
बेइन्तहा प्यार करती हूँ
खुश हाल खूबसूरत
मेरी दुनिया है तू
कभी नींद से ना
जागना चाहूँ
वो प्यारा सपना है तू
तेरी बाहों में
पनाह चाहती हूँ
मेरी जान मैं तुमसे
बेइन्तहा प्यार करती हूँ

