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Sushil Deshpande

Romance

4.8  

Sushil Deshpande

Romance

तुम से मिलकर

तुम से मिलकर

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तुम से मिलकर क्या क्या न बने हम..

हम हम ही ना रहे...

 हम हम ही ना रहे..

बस तुम्हारे हो गये हम......

 

तुम से मिलकर क्या क्या न बने हम..

 हवाओं ने दी आपके आने की खबर..

और दिल थामकर इंतजार करते रहे हम..

 

तुम से मिलकर क्या क्या न बने हम..

आपकी एक पल की हसी खुशी ही..

'जिंदगी' समझ रहे है हम...

 

तुम से मिलकर क्या क्या न बने हम..

तुम्हारी हर अदा पर फिदा होकर...

अब तो 'मजनू' भी बन गये है हम...

 

तुम से मिलकर क्या क्या न बने हम..

यादो मे तुम्हारी सदा खोये है रहते...

खुली आंखों से भी सो रह

े है हम...

 

तुम से मिलकर क्या क्या न बने हम..

तुमको शमा भी आज बनाकर..

परवाना खुद बन गये है हम...

 

तुम से मिलकर क्या क्या न बने हम..

तुम्हारी झुकी नजर को ही ...

इकरार समझ बैठे है हम...

 

तुम से मिलकर क्या क्या न बने हम..

सिर्फ इशारो मे भी होती है मोहब्बत..

ये भी जान कर रह गये है हम..

 

तुम से मिलकर क्या क्या न बने हम..

फरक रात और दिन का...

अब तो भूल ही गये है हम

अब तो भूल ही गये है हम..

 

तुम से मिलकर क्या क्या न बने हम..

तुम से मिलकर क्या क्या न बने हम..

 



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