तुम से मिलकर
तुम से मिलकर
तुम से मिलकर क्या क्या न बने हम..
हम हम ही ना रहे...
हम हम ही ना रहे..
बस तुम्हारे हो गये हम......
तुम से मिलकर क्या क्या न बने हम..
हवाओं ने दी आपके आने की खबर..
और दिल थामकर इंतजार करते रहे हम..
तुम से मिलकर क्या क्या न बने हम..
आपकी एक पल की हसी खुशी ही..
'जिंदगी' समझ रहे है हम...
तुम से मिलकर क्या क्या न बने हम..
तुम्हारी हर अदा पर फिदा होकर...
अब तो 'मजनू' भी बन गये है हम...
तुम से मिलकर क्या क्या न बने हम..
यादो मे तुम्हारी सदा खोये है रहते...
खुली आंखों से भी सो रह
े है हम...
तुम से मिलकर क्या क्या न बने हम..
तुमको शमा भी आज बनाकर..
परवाना खुद बन गये है हम...
तुम से मिलकर क्या क्या न बने हम..
तुम्हारी झुकी नजर को ही ...
इकरार समझ बैठे है हम...
तुम से मिलकर क्या क्या न बने हम..
सिर्फ इशारो मे भी होती है मोहब्बत..
ये भी जान कर रह गये है हम..
तुम से मिलकर क्या क्या न बने हम..
फरक रात और दिन का...
अब तो भूल ही गये है हम
अब तो भूल ही गये है हम..
तुम से मिलकर क्या क्या न बने हम..
तुम से मिलकर क्या क्या न बने हम..