तुम मेरे जीवन में आना
तुम मेरे जीवन में आना
बारिश की पहली फुहार सी
तुम मेरे जीवन में आना
सावन के प्यासे पतझड़ पर
बनकर मधुंबूंद बरस जाना ।
आखों में अरुणाई लेकर
यौवन पर प्यार का रंग चढ़ा
अंग-अंग से रुप को छलकाती
इठलाती हुई तुम आ जाना ।
हो रात अमावश की काली
घनघोर घटा जब छा जाये
तब तुम बारिश के मौशम में
संग मेरे भीगने आ जाना ।
ऐ अल्हड़ बाला,शोखकली
ऐ हुश्नपरी ,ऐ शहजादी
जब थककर मुझको नींद लगे
तुम सपनों में आ जाना ।