तुम मधुर पुस्तक प्रेमगीत की
तुम मधुर पुस्तक प्रेमगीत की
तुम मधुर पुस्तक
प्रेमगीत की
बेसुरा मैं
किंतु गाता रहा।
तुम रुचिर पुस्तक
प्रेम कविताओं की
अनपढ़ा मैं
किंतु पढ़ता रहा।
तुम मदिर पुस्तक
प्यार की गज़ल की
बेअदब मैं
किंतु कहता रहा।
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तुम प्यार की किताब
पढ़कर तुम्हें
बेसुरे को सुर मिले
अनपढ़ा पढ़ गया
बेअदब अदीब हुआ।