तुझमें ही राम
तुझमें ही राम


मस्जिद तोड़े, मंदिर जोड़े,
जिहाद ने उजाड़े लाखों मांग
पत्थर पूजे, माथा टेके,
क्या मिल गये तुझको है राम ?
राखी सोभे भाइयों की कलाई पे,
पर करे न वो, नारी का सम्मान
रावण खुद को राम भक्त बताये,
क्या हो जायेंगे उसके राम ?
जब जब हो सीता का शोषण,
तब तब रोते है श्रीराम
भृगु नगरी, काशी, मथुरा,
एकछत्र है ये रावण राज !
शिव तांडव करे गंगा और गोमती,
बर्बाद हो गये लाखों किसान
किन्तु सन्त करे जयघोष क नारे,
सज गयी है अयोध्या धाम
जन्मभूमि खून से रंगे देख,
कैसे खुश होंगे श्रीराम
तनिक रुक, सोच और खुद में झाँक,
तू ही शैतान, तुझ में ही राम !